UPSC की तैयारी कर रही अंजली ने मौत को लगाया गले, सुसाइड नोट में बताई ये वजह

नई दिल्ली: राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली में UPSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों की आर्थिक और मानसिक स्थिति इन दिनों एक गंभीर मुद्दा बन चुकी है। हाल ही में अकोला के गंगानगर निवासी अंजली गोपनारायण की खुदखुशी ने इस मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है। अंजली ने 21 जुलाई को दिल्ली में अपने किराये के कमरे में खुदखुशी कर ली। उसके सुसाइड नोट में परीक्षा के चलते मानसिक तनाव, कोचिंग क्लास, मकान मालिकों का दबाव, हॉस्टल संचालकों और दलालों द्वारा किए गए शोषण की बातें सामने आई हैं।

अंजली, जो महाराष्ट्र के अकोला के गंगानगर इलाके की रहने वाली थी, ने सिविल सर्विस परीक्षा पास करके अफसर बनने का सपना देखा था। वह दो वर्ष पहले दिल्ली आई थी, और अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रही थी। उसने अपनी खुदखुशी से पहले अपने माता-पिता से माफी मांगी और लिखा कि उसने बहुत प्रयास किया, मगर मानसिक तनाव और आर्थिक दबाव की वजह से वह आगे नहीं बढ़ सकी। सुसाइड नोट में अंजली ने पीजी एवं हॉस्टल के मालिकों पर आरोप लगाया कि वे सिर्फ पैसे वसूलने में लगे हुए हैं तथा कई छात्र इसका बोझ नहीं उठा सकते। उसने अपने परिवार और दोस्तों को धन्यवाद कहा, जिन्होंने उसका समर्थन किया, किन्तु स्वयं को असहाय महसूस किया। अंजली ने यह भी लिखा कि खुदखुशी किसी समस्या का समाधान नहीं है और पीजी तथा हॉस्टल के किराए को कम किया जाना चाहिए।

वही इस घटना ने सरकारी और समाज के समक्ष गंभीर सवाल खड़े किए हैं। प्रतियोगि परीक्षा देने वाले छात्र, जो देश के भविष्य को आकार देने वाले हैं, उन्हें बेहतर सुविधाएं और एक सकारात्मक वातावरण की जरुरत है। दिल्ली में हालिया घटनाओं के संदर्भ में सरकार को अब इन मुद्दों पर संवेदनशीलता दिखानी चाहिए और उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।

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