नई दिल्ली: कहते है अगर इरादे बुलंद हो तो मंज़िल तक पहुंचना आसान हो जाता है. ऐसी ही कहानी कश्मीर घाटी के रहने वाले अंजुम बशीर खान खटक कि है जिन्होंने बिना किसी कोचिंग का सहारा लिए अपनी कड़ी मेहनत और लगन से इस साल जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा में प्रथम स्थान हासिल किया. बता दे कि 27 साल के अंजुम बशीर खान का परिवार एक आतंकी हमले का शिकार हो गया था, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और अपनी कड़ी मेहनत और लगन से इस साल जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा में प्रथम स्थान हासिल किया. दिलचस्प बात यह है कि अंजुम पहली बार ही सिविल सेवा परीक्षा में बैठे थे. आपको बता दे कि पुंछ जिले के सूरनकोट में जन्में अंजुम का पुश्तैनी घर 1990 के दशक में आतंकियों ने जला दिया था, जिस कारण उनके परिवार को जम्मू आकर बसना पड़ा. यहां भी उन लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अंजुम ने कश्मीरी युवाओं को संदेश दिया है कि हिंसा का रास्ता ना अपनाएं, क्योंकि इससे कोई हल नहीं निकलने वाला. हम कोई सकारात्मक काम करेंगे, तो हमें ही फायदा मिलेगा. पत्रिका में आतंकी बुरहान वानी की फोटो युवाओ का रुझान आतंक की ओर बड़ा -रिपोर्ट वादियों में गोला-बारूद की गूंज जारी, आतंकी ढेर