नई दिल्ली : भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन के मुखिया और ज्येष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे एनसीपी पर भड़क गए हैं. शरद पवार की पार्टी एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक के बयान से खफा अन्ना हजारे ने मलिक के विरुद्ध कानूनी कारवाई करने और मान हानि का केस दायर करने की बात कही है. दरअसल, अन्ना हजारे ने लोकपाल और लोकायुक्त कानून को लागू करने की मांग को लेकर बुधवार से अपने गृहनगर रालेगणसिद्धि में अनशन आरम्भ किया है. सहारा ग्रुप को SC का समन, सेबी के खाते में जमा करने होंगे 9,000 करोड़ उल्लेखनीय है कि अन्ना के इस आन्दोलन से सम्बंधित बातों को लेकर एक न्यूज़ चैनल में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने आरोप लगते हुए कहा था कि अन्ना हजारे पैसे के लिए आंदोलन करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि इससे पहले के आंदोलन में उन्हीं से अन्ना हजारे ने वकील की फीस देने के बहाने पैसे उगाहने का प्रयास किया था. मलिक ने अपने बयान के समर्थन में आवश्यक सबूत होने का भी दावा किया था. गौरतलब है कि 2003 में नवाब मालिक को कांग्रेस-एनसीपी सरकार से बतौर श्रम मंत्री के पद से उस समय हटना पड़ा था, जब अन्ना हजारे ने उनपर पद के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया था. एयर इंडिया को बेचने की कोशिश में सरकार, पर कर्ज के कारण नहीं मिल रहा खरीदार शो के दौरान समाजसेवी विश्वम्भर चौधरी ने और अन्ना के सहयोगी दिलीप अवारी ने मलिक के आरोप को सिरे से नकार दिया है. किन्तु, इस बात से आहत हुए अन्ना का आक्रोश गुरुवार को फूट पड़ा. अन्ना ने उनसे मुलाकात करने आ रहे एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल और विधान परिषद में नेता विपक्ष धनंजय मुंडे को आधे रास्ते से वापिस भेज दिया. दोनों नेता अन्ना के इलाके में ही आयोजित की गई पार्टी की परिवर्तन रैली को संबोधित करने के बाद रालेगण के लिए निकले थे, लेकिन उन्हें आधे रास्ते से ही वापस आना पड़ा. खबरें और भी:- डॉलर के मुकाबले मजबूती के साथ खुला रुपया आज शुरुआती कारोबार में बाजारों ने किया बढ़त का रुख इस वजह से हिरासत में लिए गए करणवीर बोहरा, फैंस सदमे में!