माँ अपने बच्चों की देखभाल के लिए दिन रात एक कर देती है. पर राजकोट के एक कलियुगी प्रोफेसर बेटे ने अपनी ही माँ को मौत के घाट उतार दिया. उसकी हत्या को पुलिस भी आत्महत्या मान चुकी थी. पर राज़ खुला एक गुमनाम चिट्ठी और सीसीटीवी फूटेज से. दरअसल 27 सितंबर 2017 को 64 साल की बुज़ुर्ग महिला जयश्रीबेन की चौथी मंज़िल से गिरकर मौत हो गई थी. पुलिस ने इसे आत्महत्या मान लिया था. पर उन्हें एक गुमनाम चिट्ठी मिलने के बाद जब पुलिस ने घर के सीसीटीवी फूटेज खंगाले तो बेटे संदीप की काली करतूत पता लगी. सीसीटीवी वीडियो में जयश्रीबेन को आखिरी बार उनका बेटा संदीप छत पर ले जाता दिखा, जबकि वापसी में वह अकेला आते दिखा. इसके बाद इससे पुलिस का शक गहराया. जयश्रीबेन की मेडिकल रिपोर्ट्स और हेल्थ रिकॉर्ड्स की जांच में पुलिस ने पाया कि वह अपने पैरों पर चलने की हालत में नहीं थीं और ऐसे में करीब ढाई फीट ऊंची रेलिंग पार करके उनका आत्महत्या करना संभव नहीं था. पुलिस ने संदीप को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. संदीप ने कहा कि ब्रेन हैमरेज की वजह से उसकी मां दो महीने से बिस्तर पर थी. उनकी देखभाल और इलाज से वह परेशान हो चुका था. संदीप राजकोट स्थित बीके मेडिकल फार्मेसी कॉलेज के सहायक प्रोफेसर हैं, वहीं उसकी मां भी एक रिटायर्ड टीचर थी. मनोरोगियों के रूप में सड़क पर घूमता खतरा जिगीशा के दो हत्यारो की मौत बदली उम्रक़ैद में बैंक लूटकर खुद मचाया लूट का शोर