नई दिल्ली: मथुरा में श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि-ईदगाह मामले में सोमवार को और अर्जी दी गई कि जून माह में मामले की रोज़ाना सुनवाई हो। इसके साथ ही हर दिन ईदगाह जाने की इजाजत मांगी गई। सीविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में प्रार्थना पत्र देने वाले दिनेश धार्मिक चिन्ह मिटाने की आशंका जताई है। अदालत की छुट्टी में सर्वे और निगरानी की मांग की गई है। सर्वे और निगरानी के लिए सातवां प्रार्थना पत्र अदालत में प्रस्तुत हुआ है। बता दें कि, मथुरा में श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि-ईदगाह विवाद बढ़ता जा रहा है। हर दिन अदालत में याचिका और प्रार्थना पत्र बढ़ते जा रहे है। इससे पहले गत सोमवार को भी दो प्रार्थना पत्र प्रदान किए गए थे। सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में सौरभ गौड़ के वाद 950/20 में प्रार्थनापत्र देकर बताया गया है कि ठा. केशवदेव जी महाराज 13.37 एकड़ के स्वामी हैं। इनके भव्य मन्दिर को औरंगजेब ने तुड़वाकर मन्दिर के ही पत्थरों से ही उस स्थान पर एक ढांचा, जिसे ईदगाह कहा जाता है, बनवा दिया। उसे ढांचे के पत्थरों पर पच्चीकारी हिन्दू स्थापत्यकला को प्रदर्शित करती है। विभिन्न पत्थरों पर उसे देखा जा सकता है। चूंकि अगली सुनवाई 1 से 30 जून के ग्रीष्मावकाश के बाद 1 जुलाई को होगी, इसलिए प्रतिवादी पक्ष द्वारा उसके साथ छेड़छाड़ किए जाने की आशंका है। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि, ऐसे में ये तथ्य नोट करने के लिए अमीन कमीशन व एडवोकेट कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी जाना जरूरी है। इस प्रार्थनापत्र के बाद भी अदालत ने इसकी सुनवाई के लिए 1 जुलाई की तारीख मुक़र्रर कर दी। वहीं इसी अदालत में अखिल भारत हिन्दू महासभा के कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने वाद संख्या 174/21 में प्रार्थनापत्र देकर दावा किया कि जिस जगह पर शाही मस्जिद ईदगाह है, वास्तव में वहीं भगवान कृष्ण का प्राचीन गर्भगृह है। मुंबई के अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह के 7वें संस्करण का उद्घाटन करेंगे पीयूष गोयल ताजमहल में कब से पढ़ी जा रही है नमाज़ ? RTI पर ASI के जवाब से चकरा जाएगा दिमाग INS विक्रांत के लिए 26 फाइटर जेट्स खरीदेगा भारत, इन दो देशों से चल रही चर्चा