बैंगलोर: कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर से एक हैरान कर देने वाला मामला प्रकाश में आया है, यहाँ पत्नी की प्रताड़ना से परेशान होकर एक हेड कॉन्स्टेबल ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। इस घटना ने उनके परिचितों सहित स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया है। शुक्रवार (13 दिसंबर) को हुलीमावु ट्रैफिक पुलिस स्टेशन में तैनात 34 वर्षीय हेड कॉन्स्टेबल थिप्पन्ना अलुगुर ने ट्रेन के आगे कूदकर ख़ुदकुशी कर ली। घटना के बाद उनका क्षत-विक्षत शव हीलालिगे रेलवे स्टेशन और कार्मेलराम हुसगुरु रेलवे गेट के बीच रेलवे ट्रैक से बरामद हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, मृतक कॉन्स्टेबल थिप्पन्ना मूल रूप से विजयपुरा जिले के सिंधगी कस्बे के पास हंडिगनुरु गाँव के रहने वाले थे। उन्होंने आत्महत्या करने से पहले एक नोट भी छोड़ा है। इस नोट में उन्होंने अपनी पत्नी और ससुर यमुनाप्पा पर संगीन इल्जाम लगाए हैं। थिप्पन्ना ने लिखा कि वह अपनी पत्नी और ससुर द्वारा दी जा रही यातनाओं से तंग आ चुके थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी और ससुर ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी और उन्हें निरंतर मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। थिप्पन्ना ने सुसाइड नोट में आगे लिखा कि, “12 दिसंबर को शाम 7:26 बजे मेरी पत्नी ने मुझे फोन किया। हमारी 14 मिनट तक बात हुई और उसने मुझे धमकाया। अगले दिन जब मैंने इस बारे में अपने ससुर से बात की, तो उन्होंने बदसलूकी की और मुझसे कहा कि मर जाओ। उन्होंने यह भी कहा कि मेरे मरने से उनकी बेटी आराम से रहेगी।” थिप्पन्ना ने आत्महत्या करते वक़्त पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी। इस घटना ने पुलिस विभाग को भी हैरत में डाल दिया है। फिलहाल बयप्पनहल्ली रेलवे पुलिस ने FIR दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है। सुसाइड नोट के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108, 351(3), और 352 के तहत केस दर्ज किया गया है। अतुल सुभाष सुसाइड केस:- थिप्पन्ना की आत्महत्या की घटना से कुछ दिन पहले बेंगलुरु में ही बिहार के रहने वाले एक AI इंजीनियर अतुल सुभाष मोदी ने भी ख़ुदकुशी कर ली थी। उन्होंने अपनी पत्नी, सास, और साले पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए 24 पन्नों का सुसाइड नोट और 1 घंटे 20 मिनट का एक वीडियो छोड़ा था। ये मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि बैंगलोर वाली घटना ने फिर से समाज और पारिवारिक संबंधों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। फ़िलहाल, पुलिस इस मामले की तह तक पहुँचने की कोशिश कर रही है। थिप्पन्ना के परिजनों से संपर्क किया गया है, और उनसे भी सवाल-जवाब किए जा रहे हैं। वहीं, मृतक की पत्नी और ससुर के भी बयान दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है। थिप्पन्ना की मौत न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरी चोट है। यह घटना उस गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है, जहाँ घरेलू विवाद और मानसिक प्रताड़ना किसी इंसान को ऐसा कदम उठाने पर मजबूर कर देते हैं। यह सोचने का वक्त है कि क्या इन घटनाओं को रोका जा सकता था। महाकुंभ 2025 के लिए UPSTRC की 350 बसें तैनात, श्रद्धालुओं के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी बांग्लादेशी हिन्दुओं पर हो रहे इस्लामी अत्याचार के खिलाफ इजराइल ने उठाई आवाज़, लेकिन भारतीय राजनेता कब बोलेंगे? 'कच्चातिवु श्रीलंका को दे दिया, पाकिस्तान को देने वाले थे सियाचीन..', कांग्रेस पर तेजस्वी सूर्या का बड़ा हमला