मुंबई: नवाब मलिक (Nawab Malik) को बॉम्बे उच्च न्यायालय से झटका लगा है. बॉम्बे उच्च न्यायालय ने NCP नेता नवाब मलिक की अंतरिम याचिका खारिज कर दी है. इसमें नवाब मलिक ने बताया था कि उनको प्रवर्तन निदेशालय ने गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया था, इसको उनको तुरंत रिहा किया जाए. अब ऐसा करने से उच्च न्यायालय ने मना कर दिया है. वही इससे पहले अदालत ने मलिक को न्यायिक हिरासत में भेजते हुए कहा था कि गवाहों के बयान के आधार पर अपराधी नवाब मलिक प्रथम दृष्टया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संलिप्त दिखाई दे रहे हैं. अदालत ने कहा, यह भी ध्यान देने योग्य है कि अपराधी ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में अपनी गिरफ्तारी के साथ साथ पहले के रिमांड आदेशों को भी चुनौती दी है. अदालत ने कहा, रिमांड रिपोर्ट के आधारों को देखते हुए अपराधी को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजना आवश्यक है. वही कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार द्वारा विरोधियों को फंसाने के षड्यंत्र का इल्जाम लगाया गया था। फडणवीस ने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को वीडियो रिकॉर्डिंग वाला एक पेन ड्राइव सौंपा था। इसमें बताया गया है कि कैसे पुलिस एवं सरकार के व्यक्तियों द्वारा उन्हें और भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेताओं को फंसाने के लिए षड्यंत्र रचा जा रहा है. उन्होंने कहा, वीडियो में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर प्रवीण चव्हाण ने दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी नेता गिरीश महाजन को मकोका के तहत फंसाने तथा उन्हें गिरफ्तार करने के लिए सीएम से लेकर प्रदेश के DGP तक हाई लेवल मीटिंग की गईं. CM योगी के दिल्ली से लौटते ही शुरू हुआ बैठकों का दौर, अब MLC चुनाव पर पूरा जोर 'गलती से पाकिस्तान में जा घुसी थी भारतीय मिसाइल..', आज लोकसभा में इसपर बयान देंगे राजनाथ सिंह कश्मीरी पंडितों का वो हत्यारा, जिसे देख मुस्कुराए PM मनमोहन.. रविश कुमार ने कहा - 'सर'