मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है। उनके गुट के सांसद गजानन कीर्तिकर ने एकनाथ शिंदे गुट का दामन थाम लिया है। उन्होंने शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट की जगह एकनाथ शिंदे की पार्टी बालासाहेब की शिवसेना में जाने का निर्णय लिया है। यही नहीं इस बीच एकनाथ शिंदे समर्थक सांसद प्रतापराव जाधव ने दावा किया है कि उद्धव ठाकरे के समर्थक 3 सांसद एवं 8 विधायक भी उनका साथ छोड़ेंगे। वही शिंदे गुट में सम्मिलित हुए बुलढाणा जिले के सांसद प्रतापराव जाधव ने फिर सनसनीखेज दावा करते हुए यह बात कही। उन्होंने दावा किया है कि चुनाव से पहले 3 और सांसद और 8 विधायक बालासाहेब की शिवसेना में 100 प्रतिशत सम्मिलित हो जाएंगे। जाधव के पश्चात् यह चर्चा तेज हो गई है कि आखिर उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ने वाले सांसद एवं विधायक कौन हो सकते हैं। जाधव ने कहा कि गजानन कीर्तिकर के पश्चात् 3 सांसद शिंदे गुट के संपर्क में हैं। हम लोगों के बीच रहने वाले नेता हैं। कुछ और लोग हमारे संपर्क में हैं। कुछ स्थानीय परेशानिया हैं, जिले में कुछ काम बाकी हैं। नेतृत्व से प्यार है, इसलिए वे वहीं लटके हुए हैं। प्रतापराव जाधव ने दावा किया है कि चुनाव का ऐलान होते ही ठाकरे गुट खाली दिखाई देगा। इस बीच सांसद प्रतापराव जाधव सीएम एकनाथ शिंदे के गुट में सम्मिलित हो गए, मगर जाधव परिवार में राजनीतिक फूट दिखाई दे रही है। इसका कारण यह है कि प्रतापराव के छोटे भाई और मेहकर के पूर्व मेयर संजय जाधव ने उद्धव ठाकरे के साथ रहने का निर्णय लिया है। सांसद के अपने परिवार में भूचाल आने से बुलढाणा जिले में सियासी पारा गरम है। संजय जाधव प्रतापराव जाधव के छोटे भाई हैं। चूंकि वे उद्धव ठाकरे के साथ हैं, इसलिए दोनों भाइयों के बीच मतभेद की वार्ता होती रही है। संजय जाधव ने उद्धव ठाकरे के जन्मदिन के अवसर पर अखबार में छपे विज्ञापन में भी ठाकरे को शिवसेना पार्टी प्रमुख बताया था। शिवाजी से गडकरी की तुलना कर बुरे फंसे राज्यपाल कोश्यारी, मचा बवाल आजम खान को जेल या बेल ? हेट स्पीच मामले में जमानत पर फैसला आज 'MP में राहुल गांधी की यात्रा से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला', नरेंद्र सिंह का आया बड़ा बयान