पटना: बिहार में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सरकार के उलटफेर के कुछ माह पश्चात् पूर्व सीएम एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (73 वर्ष) के विरुद्ध एक भ्रष्टाचार का केस फिर से खोल दिया है। कहा जा रहा है कि इस केस के पश्चात् लालू यादव और उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की परेशानी बढ़ सकती हैं। वहीं, सत्तारूढ़ महागठबंधन में सम्मिलित जदयू एवं राजद ने सोमवार को नाराजगी जताई है। बता दे कि बिहार की राजनीति में अगस्त महीने में बड़ा उलटफेर हुआ था तथा नीतीश कुमार ने NDA का साथ छोड़कर महागठबंधन को जॉइन कर लिया था। जदयू ने राजद के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। नीतीश ने 8वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। जबकि तेजस्वी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। मीडिया रिपोटर्स के अनुसार, वर्ष 2004 से लेकर 2009 तक यूपीए सरकार-1 में लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री रहे हैं। वे अपने कार्यकाल से संबंधित भ्रष्टाचार के कई मामलों में फंसे हैं। CBI ने वर्ष 2018 में रेलवे प्रोजेक्ट के आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोपों की तहकीकात आरम्भ की थी। हालांकि, बीते वर्ष मई 2021 में ये तहकीकात बंद कर दी थी। लालू यादव के अतिरिक्त, उनके बेटे तेजस्वी यादव, बेटियां चंदा यादव और रागिनी यादव केस में नामजद अपराधियों में सम्मिलित हैं। मामले को फिर से खोलने के पश्चात् राजनीति गरमा गई है। महागठबंधन ने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगाना आरम्भ कर दिया है। राहुल गांधी 'श्री राम' हैं और हर कांग्रेसी भरत ! कांग्रेस के मुस्लिम नेता ने खेला हिंदुत्व कार्ड विधानसभा चुनाव से पहले कर्नाटक कैबिनेट में फिर होगा बदलाव ? दिल्ली पहुंचे सीएम बोम्मई 'भारत पर होने वाले हर हमले को दीवार बनकर रोक लेता है पंजाब..', वीर बाल दिवस पर बोले योगी