सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के खास सिपेहसालर आजम खां को लगातार झटके लग रहे हैं. रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के नगर विकास मंत्री के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश जल निगम में 853 जूनियर इंजीनियर व 335 लिपिकों की हुई भर्तियों को निरस्त कर दिया गया है.इससे पहले 122 सहायक अभियंताओं की भर्तियां को निरस्त किया गया था. एसआइटी जांच में भर्तियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाए जाने पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोमवार देर रात भर्ती निरस्त करने संबंधी आदेश को जारी कर दिया. आज संसद में मिलेंगे पीएम मोदी और केजरीवाल, दिल्ली हिंसा पर हो सकती है चर्चा मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 18 जून 2016 को जल निगम ने लिपिक व आशुलिपिक के पदों पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया. जिसके अनुसार 335 लिपिक व 63 आशुलिपिक पदों पर लिखित परीक्षा क्रमश: गत पांच से सात अगस्त 2016 के मध्य मुबंई की मेसर्स एपटैक कंपनी ने आयोजित की थी. कम्प्यूटर बेस्ड डाटा मेंं सामान्य रूप के परीक्षा के तुरंत बाद आंसर सीट को वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है ताकि अभ्यर्थी अपनी आपत्ति प्रस्तुत कर सकें, परंतु लिखित परीक्षा के बाद वेबसाइट पर आंसर सीट को अपलोड नहीं किया गया. जिसके कारण अभ्यर्थियों से आपत्तियां प्राप्त नहीं की जा सकी.इसके साथ साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों की सूची जल निगम को उपलब्ध करा दी गई थी. निगम ने भी आंसर सीट अपलोड न कराने का संज्ञान नहीं लिया. अंतिम परिणाम 24 दिसंबर 2016 को जारी किया गया, जिसमें आशुलिपिक पदों के लिए टाइप परीक्षा में कोई अभ्यर्थी सफल नहीं होने के कारण परीक्षा निरस्त करने का निर्णय लिया गया था. उत्तर प्रदेश भाजपा टीम जल्द होगी घोषित, इस त्यौहार के बाद होगा ऐलान अगर आपको नही पता तो बता दे कि जल निगम के लिपिकों के अलावा सहायक अभियंता व अवर अभियंता के पदों पर भी एपटेक लिमिटेड मुंबई ने ही परीक्षा आयोजित की. इसमें असफल अभ्यर्थियों ने परीक्षा प्रणाली पारदर्शी न होने की शिकायत इलाहाबाद हाईकोर्ट में की थी. इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश में निगम के मुुख्य अभियंता स्तर के दो अधिकारियों से अलग-अलग जांच कराई गई. एसआइटी को भी पूरे मामले की जांच सौंपी गई. जांच में भर्तियों में गड़बड़ी मिली है. हाल ही में एसआइटी की शासन को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि भर्तियां में आपराधिक षडय़ंत्र कर संबंधित रिकार्ड को नष्ट कर दिया गया है. अफसरों की अनदेखी से सिंचाई विभाग को हुआ नुकसान, इतने स्थानों पर हुए अवैध कब्जे 1.38 लाख करोड़ के रक्षा बजट पर हुए हस्ताक्षर, रक्षा मंत्रालय ने आवंटन पर बोली ये बात फिजूलखर्ची रोकने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम, इस चीज के प्रकाशन पर लगाई पाबंदी