बैंगलोर: कर्नाटक में एक और दलित अधिकारी ने कांग्रेस नेता का नाम बताते हुए ख़ुदकुशी कर ली है। राज्य के यादगिर जिले में एक दलित पुलिस सब इंस्पेक्टर परशुराम ने कांग्रेस विधायक और उनके बेटे को जिम्मेदार बताते हुए अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। इससे पहले वाल्मीकि विभाग के अधिकारी चंद्रशेखरन ने ख़ुदकुशी कर ली थी और सुसाइड नोट में कुछ अधिकारियों और एक कांग्रेस मंत्री का जिक्र करते हुए कहा था कि, वाल्मीकि विकास विभाग के पैसों में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है और उससे जबरदस्ती ये कृत्य करवाया गया है। इसके बाद वाल्मीकि विभाग के मंत्री और कांग्रेस नेता बी नागेंद्र को ED ने पूछताछ के बाद अरेस्ट कर लिया था। जिसे कांग्रेस नेताओं ने बदले की कार्रवाई बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। अब राज्य में ऐसा ही मामला सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक की सत्ताधारी कांग्रेस के विधायक चन्नारेड्डी तन्नूर और उनके बेटे पंपनागौड़ा ने ट्रांसफर से बचने के लिए दारोगा परशुराम से 30 लाख रुपए मांगे थे। मृतक परशुराम की पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने कांग्रेस विधायक और उनके बेटे के खिलाफ विभिन्न धाराओं में शिकायत तो दर्ज कर ली है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई की जानकारी नहीं है। मृतक की पत्नी का कहना है कि, पुलिस अधिकारी भी अपने विभाग के एक अफसर का साथ देने के बजाए, आरोपी कांग्रेस विधायक का साथ दे रहे है। शनिवार (3 अगस्त, 2024) को भाजपा और दलित संगठनों ने इस मामले पर प्रदर्शन किया था। जानकारी के अनुसार, मामला यादगिर जिले के शहर पुलिस थाने का है। यहाँ कार्यरत सब इंस्पेक्टर परशुराम का लोकसभा चुनावों में यादगिर टाउन थाने से तबादला कर दिया गया था। चुनाव खत्म होने के बाद परशुराम शहर में वापस लौटे। जिसके कुछ ही समय बाद उनकी तैनाती साइबर क्राइम थाने में कर दी गई। लेकिन, चंद दिन ही गुजरे थे कि, उन्हें वहाँ से भी रिलीव कर दिया गया। रिपोर्ट की मानें तो, 7 महीनों के भीतर बार-बार ट्रांसफर किए जाने से दरोगा परशुराम मानसिक तौर पर तनावग्रस्त हो गए थे। मृतक दलित दरोगा की पत्नी श्वेता इस समय गर्भवती हैं। उन्होंने बताया है कि उनके पति के बार-बार हो रहे इस ट्रांसफर के पीछे कांग्रेस विधायक चन्नारेड्डी तन्नूर और उनके बेटे पंपनागौड़ा थे। मृतक की पत्नी ने कहा कि विधायक और उनके बेटे ने उनके पति से ट्रांसफर रुकवाने के नाम पर 30 लाख रुपयों की डिमांड की थी। ट्रांसफर के बाद से उनके पति लगातार तनाव में थे और कई बार तो रो दिया करते थे। इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी से कहा था कि उनके मन में ख़ुदकुशी के ख्याल आते हैं। इसी दौरान मृतक की पत्नी श्वेता बच्चे को जन्म देने रायचूर स्थित अपने मायके चली गईं। यहाँ उन्हें अपने पति के यादगिर जिला अस्पताल में एडमिट होने की सूचना मिली। श्वेता को बताया गया कि परशुराम के नाक और मुँह से खून आ रहा था और उनकी मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति ने मानसिक तनाव में आकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। श्वेता ने कांग्रेस विधायक चन्नारेड्डी तन्नूर और उनके बेटे पंपनागौड़ा के खिलाफ FIR दर्ज करवाई। हालाँकि, आत्महत्या के लिए उकसाने की FIR दर्ज होने के बावजूद कांग्रेस विधायक पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है। जसके बाद भाजपा और अन्य दलित संगठनों ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ यादगिर में विरोध प्रदर्शन किया है। विरोध प्रदर्शन में दिवंगत दारोगा परशुराम की पत्नी श्वेता भी मौजूद थीं। श्वेता ने आरोप लगाया कि जिस विभाग में उनके पति ने सेवाएं दी, वही पुलिस विभाग न्याय करने की जगह आरोपी कांग्रेस विधायक का साथ दे रहे हैं। श्वेता ने पुलिस वालों से पुछा भी है कि क्या वो एक विधायक के लिए अपने परिवार को भी दाँव पर लगाने के लिए तैयार हैं ? हॉलांकि, कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर का कहना है कि, मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन उनकी पत्नी की शिकायत के आधार पर जाँच करवाई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका, LG की पॉवर पर अदालत ने लगाई मुहर 'यदि आपके घर-गाँव पर दावा ठोंक दिया, तो कोर्ट भी आपकी नहीं सुनेगी..', इस 'काले कानून' के बारे में जानता ही नहीं आधा हिंदुस्तान ! 10 महीने पहले गायब हुई थी लड़की, अब वीडियो बनाकर मां-बाप को दी ये धमकी