नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गुरुवार को लेह में अपना पहला एनालॉग अंतरिक्ष मिशन लॉन्च किया, जिसे भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रयासों में एक अहम कदम माना जा रहा है। शुक्रवार को इसरो ने इस मिशन से संबंधित तस्वीरें साझा करते हुए जानकारी दी। मिशन का मुख्य उद्देश्य धरती से बाहर जीवन के संभावित विकल्पों की तलाश करना है और उन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयारी करना है, जो भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों के सामने आ सकती हैं। यह पहल भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान और अंतरग्रहीय खोज की क्षमताओं को मजबूत करने की व्यापक योजना का हिस्सा है। इसके तहत भारत का महत्वाकांक्षी गगनयान कार्यक्रम भी शामिल है, जिसके तहत जल्द ही मानव को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी की जा रही है। एनालॉग अंतरिक्ष मिशन के दौरान वैज्ञानिक धरती पर ऐसे वातावरण में रहकर शोध करेंगे, जो दूसरे ग्रहों के वातावरण से मिलता-जुलता हो। इस प्रक्रिया में, अलग-अलग परिस्थितियों में अंतरिक्ष यात्रियों का मनोवैज्ञानिक आकलन भी किया जाएगा। मिशन के माध्यम से प्राप्त डेटा का उपयोग चंद्रमा और मंगल के वातावरण को बेहतर ढंग से समझने में किया जाएगा, ताकि भविष्य में मानव अभियानों की तैयारी हो सके। इस परियोजना में अंतरिक्ष आर्किटेक्चर को डिजाइन करने में AAKA स्पेस स्टूडियो की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह स्टूडियो विशेष रूप से ऐसी परिस्थितियाँ विकसित करेगा, जो दूसरे ग्रहों के वातावरण में मानव स्वास्थ्य के अनुकूल हो सकें। भारत, वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण में एक मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इस एनालॉग मिशन को चंद्रमा और मंगल पर संभावित मानव अभियानों की तैयारी में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। 'उतनी ही गारंटी दो, जितनी पूरी कर सको..', चुनावों में कांग्रेस को खड़गे की नसीहत! प्लेन से उतरते वक़्त गिरे पाकिस्तानी राष्ट्रपति जरदारी, फ्रैक्चर हुआ पैर डोनाल्ड ट्रंप ने किया हिन्दुओं को कट्टरपंथियों से बचाने का वादा, बांग्लादेश की निंदा की