नई दिल्ली: मणिपुर के मोइरंग कस्बे में नमाज के दौरान रॉकेट हमले में एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 13 वर्षीय लड़की समेत पांच अन्य घायल हो गए। यह हमला बिष्णुपुर जिले में हुआ, जो राजधानी इंफाल से करीब 35 किलोमीटर दूर है। पुलिस का मानना है कि पिछले पांच दिनों में कुकी विद्रोहियों द्वारा किए गए ड्रोन और रॉकेट हमलों में यह दूसरी बार है कि किसी नाबालिग को चोटें आई हैं। यह रॉकेट मणिपुर के पहले मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग सिंह के घर के पास गिरा, जो लोकतक झील के किनारे स्थित मोइरंग के आईएनए संग्रहालय से महज 100 मीटर की दूरी पर है। यह संग्रहालय नेताजी सुभाष चंद्र बोस को समर्पित है, और यह वह जगह है जहां 14 अप्रैल, 1944 को भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) ने पहली बार भारतीय धरती पर अपना झंडा फहराया था। सूत्रों के अनुसार, इस हमले का संभावित लक्ष्य आईएनए संग्रहालय हो सकता है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि रॉकेट पहाड़ियों की दिशा से आया था। रॉकेट के छर्रों से एक मीतेई बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई, जो प्रार्थना कर रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बुजुर्ग के सिर पर छर्रे लगे और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसके खून से सना फर्श प्रार्थना की सामग्री जैसे पत्ते और फल से भरा हुआ था। वह सफेद खुदेई और शॉल पहने हुए था। पुलिस के अनुसार, आज का यह दूसरा रॉकेट हमला था। इससे पहले सुबह चूड़ाचांदपुर जिले में पहाड़ियों से दो रॉकेट दागे गए थे, जहां कुकी समुदाय का प्रभुत्व है। उस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ, हालांकि दो इमारतों को नुकसान पहुंचा। घाटी क्षेत्र में गिरने वाले रॉकेटों की रेंज तीन किलोमीटर से अधिक थी। इसके अलावा, संदिग्ध उग्रवादियों ने बिष्णुपुर जिले की ओर पहाड़ियों से गोलीबारी भी की, जिसका सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में सामना किया। 'मुझसे नफरत करते हैं दिल्ली में बैठे नेता..', किसपर था उमर अब्दुल्ला का निशाना ? 'मुझे जुम्मे की नमाज़ पढ़ने से रोका गया..', जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर हुर्रियत चीफ का आरोप क्या किया है, क्या करेंगे? अमित शाह ने रिपोर्ट कार्ड के साथ जारी किया घोषणापत्र