नई दिल्ली: दिल्ली में नशीली दवाओं के बढ़ते दुरुपयोग और उसके खतरों से निपटने के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक बड़ा नशा विरोधी अभियान शुरू करने की घोषणा की है। यह अभियान अगले महीने से शुरू होगा और इसका उद्देश्य अगले तीन वर्षों में दिल्ली को नशा मुक्त बनाना है। इस अभियान के तहत लोगों को नशे के नुकसान के बारे में जागरूक किया जाएगा। एलजी सक्सेना ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के सामाजिक और अंतरराष्ट्रीय प्रभावों पर बात की और दिल्ली पुलिस समेत अन्य संबंधित एजेंसियों को मादक पदार्थों की तस्करी और खपत पर काबू पाने के लिए अपने प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिया। इस अभियान के दौरान, दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियों को शहर के स्कूलों, कॉलेजों, हॉस्टल, दवा दुकानों, पान की दुकानों, बार और रेस्तरां सहित अन्य स्थानों की जांच करने और नशे के मामलों पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया। साथ ही, रेलवे स्टेशनों, आईएसबीटी और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर नशा-मुक्त वातावरण सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। शैक्षणिक संस्थानों में नशा-मुक्त छात्रावास की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए वार्डन को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। एलजी ने समाज कल्याण विभाग को भी इस अभियान में शामिल करने का निर्देश दिया, ताकि अभिभावकों और शिक्षकों को नशीली दवाओं के खतरों के बारे में बताया जा सके और बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए प्रेरित किया जा सके। इस अभियान के तहत विभिन्न माध्यमों जैसे टेलीविजन, रेडियो, सोशल मीडिया, और आउटडोर विज्ञापनों के जरिए जन जागरूकता बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही, दिल्ली भर में नशीली दवाओं के हानिकारक प्रभावों के बारे में पोस्टर, नारे और बैनर लगाए जाएंगे। इन कदमों का उद्देश्य नशीली दवाओं के नेटवर्क को खत्म करना, दवाओं की मांग को कम करना और एक स्वस्थ समाज का निर्माण करना है। 'इंटरनेट बंद कर दिया क्योंकि..', संभल हिंसा पर क्या बोले अखिलेश यादव? इस्लामी आतंकियों के अत्याचारों से तंग आए यजीदियों ने भारत से मांगी मदद 'खतरे में पड़ सकती है हमारी आज़ादी..', संविधान दिवस पर ऐसा क्यों बोले उपराष्ट्रपति धनखड़?