नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में दीवारों को भारत विरोधी और हिंदू विरोधी नारों से विकृत किए जाने की खबरें सामने आई हैं, जो पिछले साल दिसंबर में इसी तरह की घटना की याद दिलाती है। नारों में "फ्री कश्मीर," "भगवा जलेगा" जैसे वाक्यांश और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक नारे 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी' शामिल थे। एक वायरल वीडियो में, JNU परिसर में कई दीवारों पर "फ्री फिलिस्तीन," "फ्री IOK," और "मोदी तेरी कब्र खुदेगी" जैसे नारे लिखे दिखाई दे रहे हैं। वहीं, दीवारों पर "NRC" (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) और "CAA" (नागरिकता संशोधन अधिनियम) लिखकर उसपर क्रॉस का निशान बनाया गया है, और दीवारों पर "फ्री शरजील" का नारा भी लिखा गया है। बता दें कि, यह शरजील इमाम वही है, जिसने 2020 के दिल्ली दंगों के समय असम को भारत से पूरी तरह काटकर अलग करने की साजिश रची थी। शरजील का एक वीडियो भी यूट्यूब और सोशल मीडिया पर मौजूद है, जिसमे वो मुस्लिम भीड़ के सामने कह रहा है कि, 'हमें असम को पूरी तरह काटकर भारत से अलग करना है, इसके लिए चिकन नेक को जोड़ने वाली पटरी पर इतना मवाद डालो, कि भारतीय सेना वहां पहुँच ही न सके।' शरजील की यह तमाम बातें, वहां खड़ी भीड़ ध्यान से सुन रही थी, किसी भी ''देशभक्त'' ने इसका विरोध नहीं किया, उल्टा समर्धन कर रहे हैं। इसी केस में शरजील जेल में है और JNU में कुछ लोग उसकी रिहाई की मांग कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, परिसर की दीवारों पर "फ्री GN साईं" भी लिखा दिखाई दिया, जिसमें जीएन साईबाबा का जिक्र था, जिसे 2017 में आतंकी संगठन रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट (RDF) में शामिल होने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, 2022 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने साईबाबा को बरी कर दिया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे पलट दिया और मामले को पुनर्विचार के लिए भेज दिया गया। JNU परिसर में इन हिंदू विरोधी और भारत विरोधी नारों के पीछे के अपराधी अज्ञात हैं, और किसी भी व्यक्ति या समूह ने इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। नारेबाजी के जवाब में ABVP सचिव विकास पटेल ने कहा कि वे प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे। हालाँकि, इस घटना से एक बार फिर JNU की सुरक्षा और छवि को लेकर चिंता बढ़ गई है और SIS, JNU प्रोफेसर डॉ. प्रवेश कुमार ने इस कृत्य की निंदा की है. पुलिस ने अभी तक मामले में कार्रवाई नहीं की है। बता दें कि, पिछले साल दिसंबर में दिल्ली के JNU में हुई ऐसी ही एक घटना में, प्रोफेसरों के कार्यालयों समेत विश्वविद्यालय परिसर में कई इमारतों की दीवारों पर विवादास्पद नारे लिखे गए थे। इन नारों ने ब्राह्मण और वैश्य समुदायों को निशाना बनाया था, जिसमें "ब्राह्मण-बनिया, हम आ रहे हैं," "हम बदला लेंगे," "ब्राह्मणों परिसर छोड़ो," "ब्राह्मणों भारत छोड़ो," ''अब वहां खून बहेगा'', ''वापस शाखा में जाओ'' शामिल थे। मणिपुर में किसने फैलाया था 'नफरत' का केरोसिन, कैसे रचा गया पूरा प्रोपेगेंडा ? महीनों बाद ख़ुफ़िया एजेंसियों के हाथ लगा सबसे बड़ा सबूत गहलोत सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर बढ़ाया VAT ! पेट्रोल पंप वालों की हड़ताल, दी बड़ी चेतावनी '2-4 लाख नहीं, भारत में करोड़ों मुसलमान हैं, अगर..', सपा सांसद एसटी हसन की खुली धमकी !