आप तो जानते ही होंगे की इस पृथ्वी पर जिसने भी जन्म लिया है, उसे एक दिन मरना ही है।इसके साथ ही कोई भी कैसा ही क्यों न हो उसे मरना ही होता है। वहीं आपने देखा होगा जब किसी की म्रत्यु हो जाती है तो शव को घर से श्मशान तक ले जाया जाता है। इसके साथ ही इस दौरान उसकी शव यात्रा में काफी लोग इकठ्ठा होतें हैं। वहीं आज हम आपको बता रहे हैं कि जो भी लोग शमशान घाट में जाते हैं वह आकर क्यों नहाते हैं। धार्मिक कारण:- श्मशान भूमि पर लगातार ऐसा ही कार्य होते रहने से एक प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बन जाता है जो कमजोर मनोबल के इंसान को हानि पहुंचा सकता है| इसके साथ ही क्योंकि स्त्रियां अपेक्षाकृत पुरुषों के, ज्यादा भावुक होती हैं, इसलिए उन्हें श्मशान भूमि पर जाने से रोका जाता है। दाह संस्कार के बाद भी मृतआत्मा का सूक्ष्म शरीर कुछ समय तक वहां उपस्थित होता है, जो अपनी प्रकृति के अनुसार कोई हानिकारक प्रभाव भी डाल सकता है। वैज्ञानिक कारण:- शव का अंतिम संस्कार होने से पहले ही वातावरण सूक्ष्म और संक्रामक कीटाणुओं से ग्रसित हो जाता है। इसके अलावा मृत व्यक्ति भी किसी संक्रामक रोग से ग्रसित हो सकता है। इसलिए वहां पर उपस्थित इंसानों पर किसी संक्रामक रोग का असर होने की संभावना रहती है। जबकि नहा लेने से संक्रामक कीटाणु आदि पानी के साथ ही बह जाते हैं। वहीं इन कारणों से हमें शव यात्रा के बाद जरूर नहाना चाहिए, इसके बाद ही फिर हमें कुछ कार्य आगे के करने चाहिए। दोस्तों यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। मां लक्ष्मी के इस महामंत्र के जाप से होगी धनवर्षा भगवान शनि देव को इन मन्त्र के जाप से कर सकते है प्रसन्न चाणक्य ने बताये है कुशल नेतृत्व के लिए यह रास्ते