मंगलागिरी: टीडीपी पोलित ब्यूरो की सदस्य वरला रमैया ने शुक्रवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष को भेजे पत्र में कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार और पुलिस बल मौलिक अधिकारों और अनुच्छेद 19 के घोर उल्लंघन का सहारा ले रहे हैं। वे सभी आवाजों को दबा रहे हैं। यदि दोषी अधिकारियों को उनके दमनकारी कार्यों के लिए जवाबदेह नहीं बनाया गया, तो वे राज्य में लोकतांत्रिक मूल्यों को और नष्ट कर देंगे। उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की अवैध गिरफ्तारी की जांच की मांग की। टीडीपी नेताओं के खिलाफ कोटाबोम्मली, डेंडुलुर, पुलिवेंदुला और बोम्मनहाल पुलिस थानों में कई प्राथमिकी दर्ज की गईं। टीडीपी नेता ने कहा, आंध्र प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि के खिलाफ 28 अगस्त को राज्यव्यापी विरोध का आह्वान किया था। सत्तारूढ़ दल ने पुलिस बल हटा दिया और तदनुसार टीडीपी नेताओं, कार्यकर्ताओं और आम जनता को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने सरकार की दमनकारी रणनीति की निंदा करते हुए कहा कि न केवल कई जगहों पर विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई, बल्कि कुछ नेताओं को अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया, हिरासत में लिया गया और बाद में रिहा कर दिया गया। टीडीपी नेता ने बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति और सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी और पुलिस बल की बढ़ती ज्यादतियों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) से इस तरह के कठोर मामले दर्ज करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जांच और उचित कार्रवाई करने की अपील की। Ind Vs Eng: भारत को मैच में वापस लाए गेंदबाज़, अब इंग्लिश पेसर्स के सामने बल्लेबाज़ों की 'अग्निपरीक्षा' अब MP में कोहराम मचा रहा डेंगू का कहर, 1 हफ्ते में 30 फीसदी बढ़ी मरीजों की संख्या 1 अक्टूबर से 12 घंटे हो जाएगा ऑफिस टाइम, मोदी सरकार करने जा रही बड़ा बदलाव