शिमला: देश के राज्य हिमाचल प्रदेश के कृषकों तथा बागवानों की इनकम दोगुना करने को एपीएमसी अधिनियम-2020 लाया गया है. फसलों के विपणन में आने वाली चुनौतियों से निजात पाने को यह कदम उठाया गया है. इससे कृषक अपनी फसलें अच्छी कीमत पर कहीं भी विक्रय कर सकेंगे. राज्य में निजी मंडियां भी खोली जा सकेंगी. टोटल 258 कृषि तथा बागवानी फसलों को मंडियों में विक्रय किया जा सकेगा. वही इनमें गेहूं, दालें, तिलहन, चावल, मसाले, फूल तथा बीज आदि सम्मिलित हैं. विधानसभा में एग्रीकल्चर मिनिस्टर वीरेंद्र कंवर ने बुधवार को सदन में हिमाचल प्रदेश कृषि उपज विपणन विधेयक-2020 पेश किया. अब कृषक फसल किसी भी प्रदेश में विक्रय करने के लिए आजाद रहेगा. पूर्व में यह इंतजाम नहीं थे. कृषि प्रसंस्करण, विपणन में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा तथा कृषि निर्यात बढ़ाने को प्रोत्साहित किया जाएगा. साथ ही कृषको तथा बागवानों के लिए कोल्ड तथा सीए स्टोर के इंतजाम किये जाएंगे. कृषि फसलें विक्रय करने वालों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. यह बाजार के लाइसेंस धारकों से लिया जाएगा. बाजार समिति में 16 मेंबर होंगे. इनमें डीसी उपाध्यक्ष तथा दस गैर सरकारी मेंबर होंगे. 25 वर्ष से कम उम्र का समिति का मेंबर नहीं बन पाएगा. मेंबर किसी मामले में संलिप्त न हो. समिति अध्यक्ष का सिलेक्शन मेंबर करेंगे. अध्यक्ष पद रिक्त होने पर उपाध्यक्ष अपनी पावर का उपयोग कर सकेगा. अध्यक्ष निरंतर तीन बैठकों में गैर उपस्थित नहीं रह सकता. वही इस फैसले से किसानों को बहुत मुनाफा प्राप्त होगा, साथ ही ये निर्णय किसानों के लिए कारगर सिद्ध हो सकता है. हिमाचल प्रदेश: कोरोना से छह और संक्रमितों की गई जान, मिले 288 नए मरीज हिमाचल प्रदेश: वाहनों का रजिस्ट्रेशन करवाना अब होगा बहुत महंगा वह किसी और से प्यार करता है...... लिखकर 12 साल की बच्ची ने लगा ली फांसी