तिरुवनंतपुरम: केरल हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस की वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को हटाने की मांग वाली याचिका को मंगलवार को खारिज किया जा चुका है. इतना ही नहीं कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा दिया है. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से बोला है कि वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की फोटोज का होना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. केरल हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए बोला है, ‘याचिकाकर्ता की अपील ‘तुच्छ’, ‘राजनीति से प्रेरित’ और प्रचार हित की याचिका’ है. न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन ने याचिकाकर्ता पीटर मयालीपरम्पिल को 6 सप्ताह के अंदर केरल राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के पास जुर्माना भरने का आदेश जारी कर दिया है. अदालत ने कहा कि निर्धारित अवधि के भीतर जुर्माना नहीं भरने की सूरत में, KLSA उसके विरुद्ध राजस्व वसूली की कार्यवाही शुरू करके याचिकाकर्ता की संपत्ति से राशि की वसूली करने वाला है. ‘ऐसी तुच्छ दलीलें न्यायिक समय बर्बाद करती हैं’- कोर्ट: कोर्ट ने बोला है कि लोगों और समाज को यह बताने के लिए जुर्माना जारी कर दिया है कि इस तरह की तुच्छ दलीलें जो न्यायिक वक़्त बर्बाद करती हैं, उन पर अदालत विचार नहीं करने वाली है. अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने पीएम की तस्वीर और टीकाकरण प्रमाण पत्र पर “मनोबल बढ़ाने वाले उनके (पीएम मोदी) संदेश” पर जो आपत्ति जताई है, ऐसा करने की “देश के किसी नागरिक से अपेक्षा नहीं’’ है. ‘पीएम पर शर्म क्यों आती है?’: जिससे पूर्व, केरल हाईकोर्ट ने इस याचिका की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाया था. याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने याचिकाकर्ता से बोला है कि, ‘वह (मोदी) हमारे प्रधानमंत्री हैं, किसी और देश के नहीं. वह जनादेश से सत्ता में आए. केवल इसलिए कि आपके राजनीतिक मतभेद हैं, आप इसे चुनौती नहीं देने वाले है . हमारे प्रधानमंत्री पर शर्म क्यों आती है? अगर 100 करोड़ लोगों को इससे कोई दिक्कत नहीं है, तो आपको क्यों? आप न्यायिक समय बर्बाद कर रहे हैं.’ भारत में Omicron के 200 मरीज, दिल्ली-महाराष्ट्र ने फिर बढ़ाई टेंशन.., क्या लगेगा लॉकडाउन ? 2022 में इस दिन पड़ेगा पहला चंद्र ग्रहण, जानिए समय और दिनांक पाकिस्तान ने 'इस्लाम' के नाम पर बुलाई 57 देशों की बैठक, आधे भी नहीं पहुंचे.. हुई किरकिरी