सभी जानते है की अमेरिका की टेक कंपनी एपल के ओनर स्टीव जॉब्स और को-फाउंडर स्टीव वोजानिएक ने कंप्यूटर एपल 1 (Apple-1) का आविष्कार किया था। सूत्रों के अनुसार, एपल 1 कंप्यूटर ई-कॉमर्स साइट ईबे (eBay) पर ग्राहकों के लिए 1.75 मीलियन डॉलर (12.3 करोड़ रुपये) की कीमत में बिक्री के लिए लाया गया। वुडन केसिंग होने की वजह से इस डिवाइस की कीमत करोड़ों तक लगाई गई है। बात करते है एपल 1 कंप्यूटर के बारे में... पहले भी महंगी कीमत में बिक चुका है स्टीव जॉब्स का कंप्यूटर- एपल 1 कंप्यूटर के मालिक ने बताया, उनके पास यह डिवाइस सन 1978 से है। इस कंप्यूटर को अब भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एपल 1 से पहले जो कंप्यूटर्स रहे, वो करोड़ों रुपये में बिक चुके थे। वहीं, 2016 में एपल 1 के प्री-प्रोडक्शन वेरियंट को 8,15,000 डॉलर कीमत के साथ सेल के लिए उपलब्ध किया गया था। एपल 1 में मिला था डिजिटल और मैन्युअल सिस्टम का सपोर्ट- स्टीव जॉब्स ने इस डिवाइस में मॉनिटर और एक वुडेन केस लगाया हुआ था| यूजर्स को इस कंप्यूटर में ऑरिजनल ओनल मैन्युअल की डिजिटल कॉपी, बेसिक मैन्युअल, कसेट इंटरफेस, बेसिक गेम्स, लैंग्वेज, लो ऐंड हाई मेमरी टेस्ट, 30वीं ऐनिवर्सरी विडियो और स्कीमैटिक्स जैसे फीचर्स है | वुडेन केसिंग की वजह से है महंगा- जिसने कंप्यूटर को ख़रीदा उसने बताया है कि दुनिया में ऐसे छह कंप्यूटर मौजूद हैं, जिनमें खास बाइट शॉप kOA वुडन केस लगा है। साथ ही एपल 1 कंप्यूटर दूसरे डिवाइसेज की तुलना में बेहतर है। इस कंप्यूटर की वुडेन केसिंग इसको कीमती बनाती है। 1977 में बंद हुआ था कंप्यूटर का निर्माण कार्य- एपल 1 कंप्यूटर को 11 अप्रैल 1976 में लॉन्च किया गया था। कंपनी ने बेहतर परफॉर्मेंस के लिए इसमें 4केबी मेमरी दी थी, जिसको 48 केबी तक बढ़ाया भी जा सकता था। साथ ही MOS 6501 सीपीयू का सपोर्ट दिया था। एपल 2 के आने के बाद कंपनी ने इस सिस्टम को 30 सितंबर 1977 में बंद कर दिया था। Google Pay : यूजर्स के लिए बड़ी खबर, जानकर रह जाएंगे हैरान क्यों बार बार कर रहा है गूगल प्ले स्टोर से ऐप्स को डिलीट, जाने वजह YAMAHA जल्द लॉन्च करने वाली है ये धमाकेदार बाइक