भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग यूँ तो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते है और क्रिकेट के अलावा अन्य मुद्दों पर भी अपने विचार शेयर करते रहते है. हालांकि उन्होंने अपने एक ताजा बयान से सबको चौका दिया. उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे सहवाग ने कहा कि 'कप्तान भले ही टीम का सर्वेसर्वा होता है लेकिन कई मामलों में उसकी भूमिका केवल राय देने वाली होती है और यही वजह है कि विराट कोहली के समर्थन के बावजूद वह भारतीय टीम के कोच नहीं बन पाये.' गौरतलब है कि अनिल कुंबले और कप्तान कोहली के बीच कुछ मतभेदों के कारण कुम्बले ने टीम के कोच पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति ने रवि शास्त्री को टीम का कोच चुना था. जिसके लिए सहवाग भी दावेदार थे. उन्होंने कहा कि, 'कप्तान का टीम से जुड़े विभिन्न फैसलों पर प्रभाव होता है लेकिन कई मामलों में अंतिम निर्णय उसका नहीं होता है.' सहवाग ने कहा कि 'विराट कोहली चाहते थे कि 'मैं भारतीय टीम का कोच बनूं, जब कोहली ने संपर्क किया तभी मैंने आवेदन किया, लेकिन मैं कोच नहीं बना. ऐसे में आप कैसे कह सकते हैं कि हर फैसले में कप्तान की चलती है.' उस वक्त ये खबर काफी वाइरल हुई थी कि सहवाग ने केवल एक पंक्ति में कोच पद के लिये आवेदन कर दिया था लेकिन सहवाग से पूछे जाने पर उन्होंने इस बात से इंकार कर दिया था. WWE- रोमन रीगन की जगह रिंग में होगा यह विश्व चैम्पियन क्रिकेट वर्ड में आया एक और मिस्ट्री स्पिनर BCCI- बिजनस क्लास में सफर करेंगे क्रिकेटर