दिवालिया कानून में संशोधन अध्यादेश को मंजूरी

नई दिल्ली : इरादतन चूककर्ता और धोखेबाज प्रवर्तक दिवालिया होने जा रही कंपनियों के खिलाफ भी मोदी सरकार कदम उठाने जा रही है .इसके लिए सरकार ने आज एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी. यह अध्यादेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने आज एक अध्यादेश को मंजूरी देकर मौजूदा दिवालिया कानून के कुछ प्रावधानों में संशोधन करके एक नई धारा जोड़कर निविदा से संबंधित दिशा निर्देशों को कठोर बनाते हुए उनके बोली प्रक्रिया में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार के इस प्रयास से एक साल से भी अधिक समय तक फंसे कर्ज के लिए जिम्मेदार इरादतन चूककर्ताओं के फिर से दिवालिया कंपनी के अधिग्रहण करने पर रोक लग गई है. यह मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में दी गई.

बता दें कि इरादतन चूककर्ता वह होता है, जो सक्षम होने के बावजूद ऋण नहीं चुकाता है, ऋण को दूसरे कामों में उपयोग करता है या फिर ऋणदाता की जानकारी के बिना जमानत को बेेच देता है. ऐसे धोखाधड़ी वाले लेनदेन में शामिल प्रवर्तकों को भी बोली लगाने की अनुमति नहीं होगी.अरुण जेटली ने कहा कि ये संशोधन तुरंत प्रभाव से लागू हो जाएंगे. कानून विशेषज्ञों ने इस संतुलित संशोधन को सही समय पर लाया गया बताया है, क्योंकि अब दिवालिया होने जा रही कंपनी के मौजूदा प्रवर्तकों को बोली लगाने की अनुमति देने या न देने का संशय खत्म हो जाएगा.

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