नई दिल्ली : सोमवार से शुरु हुए मानसून सत्र में सत्ता पक्ष की सरकार का पहला ध्यान गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स को राज्यसभा से पारित करवाना है। इसके लिए सरकार ने सत्र से पहले ही सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। कांग्रेस ने भी कुछ शर्तों के साथ सरकार को इस पर समर्थन देने पर सहमति जताई है। हांला कि सर्वदलीय बैठक में किसी भी पार्टी ने खुलकर न तो सहमति जताई और न ही इंकार किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी विपक्षी दलों से सहयोग की अपील की है। खबरों के अनुसार, इस टैक्स रिफॉर्म वाले बिल पर राज्यसभा में पांच घंटे तक बहस हो सकती है। मानसून सत्र की शुरूआत के साथ ही राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सोमवार को जीएसटी बिल के लिए बहस का समय तय करने पर राय बनी है। इसमें बीएसी ने जीएसटी बिल पर चर्चा के लिए पांच घंटे का समय तय किया है। हालांकि बहस की तारीख अब तक तय नहीं हुई है। सोमवार को राज्यसभा में सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि सत्र शुरु हो चुका है और निःसंदेह जीएसटी एक अहम मुद्दा है। उन्होने कहा कि हमने सरकार को इस मामल में कुछ सुझाव दिए है। कांग्रेस, ने इस बिल पर तीन आपत्तियां दर्ज की है, जिसमें- पहला बिल प्रपोज टैक्स रेट पर 18 फीसदी का कैप लगाया जाए। दूसरा, मानसून सत्र की शुरूआत के साथ ही राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सोमवार को जीएसटी बिल के लिए बहस का समय तय करने पर राय बनी है। इसमें बीएसी ने जीएसटी बिल पर चर्चा के लिए पांच घंटे का समय तय किया है। हालांकि बहस की तारीख अब तक तय नहीं हुई है। सोमवार को राज्यसभा में सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि सत्र शुरु हो चुका है और निःसंदेह जीएसटी एक अहम मुद्दा है। उन्होने कहा कि हमने सरकार को इस मामल में कुछ सुझाव दिए है। सरकार ने जीएसटी दर 20 फीसदी रखी है, जब कि कांग्रेस ने इसे 18 प्रतिशत तक करने की बात कही है। हांला कि बीजेपी चाहे तो राज्यसभा में बिल को कांग्रेस की मदद के बिना भी पास करा सकती है। राज्यसभा में एनडीए के 83 सदस्य है। बीजेपी के सांसदों की संख्या 46 से बढ़कर 54 हो चुकी है।