भारत के जाने माने मशहूर संगीतकार ए आर रहमान को इंटरनेशनल लेवल पर भी बहुत ख्याति मिली है। उनके काम को दुनियाभर में बहुत सराहा जाता है तथा उन्होंने हॉलीवुड फिल्मों के लिए भी म्यूजिक दिया है। ग्लोबल म्यूजिक सीन में रहमान का दर्जा एक जीनियस का है। हाल ही में रहमान ऑक्सफोर्ड यूनियन डिबेटिंग सोसाइटी के छात्रों से एक इंटरेक्शन कर रहे थे। इस चर्चा में उन्होंने बताया कि जब वो यंग थे तो उन्होंने कैसे नकारात्मक ख्यालों से डील करना सीखा। रहमान ने ये भी बताया कि जब वो यंग थे तो उन्हें भी खुदखुशी करने के ख्याल आते थे तथा उनकी मां, करीमा बेगम ने उन्हें इनसे डील करना सिखाया। रहमान ने आध्यात्म के साथ अपने जुड़ाव के बारे में भी बात की। रहमान ने स्टूडेंट्स से चर्चा करते हुए मुश्किल दौर में स्वयं को संभालने और डार्क थॉट्स के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया, 'जब मैं यंग था और मुझे सुसाइडल थॉट्स आते थे तो मेरी मां बोलती थीं- 'जब आप दूसरों के लिए जियेंगे तो आपको ऐसे ख्याल नहीं आएंगे।' ये मेरी मां की दी सबसे खूबसूरत सलाहों में से एक है।' अपनी मां की इस सलाह पर डिटेल में चर्चा करते हुए रहमान ने बताया कि दूसरों के लिए जीना कितना महत्वपूर्ण है। आगे उन्होंने कहा, 'जब आप दूसरों के लिए जीते हो तथा आप सेल्फिश नहीं हो, तो आपकी जिंदगी को एक मीनिंग मिलती है। मैंने इसे बहुत गंभीरता से लिया। चाहे आप किसी के लिए कंपोज कर रहे हो, कुछ लिख रहे हो, किसी ऐसे व्यक्ति के लिए खाना ले रहे हो जो स्वयं इसे अफोर्ड नहीं कर सकता, या आप बस किसी की तरफ देखकर मुस्कुराते हो।।। ये चीजें आपको चलाती रहती हैं। साथ ही, हमें अपने भविष्य के बारे में बहुत लिमिटेड जानकारी होती है। हो सकता है कि आपके लिए कुछ बहुत अनोखी चीज इंतजार कर रही हो। यदि आपके पास ये सारी चीजें होती हैं, और उम्मीद होती है, ये मुझे आगे बढ़ाता रहता है। कभी-कभी मुझे लगता है कि मैंने सबकुछ कर लिया है, मैं बस सबकुछ दोहरा रहा हूं, और तब अचानक एहसास होता है कि आपके लिए एक बड़ा रोल तय किया गया है।' स्टूडेंट्स के साथ चर्चा में रहमान से ये भी सवाल पूछा गया कि वो आध्यात्म के बारे में और बात क्यों नहीं करते? जवाब देते हुए रहमान ने कहा कि सभी को डार्क फेज का अनुभव होता है तथा (तब) ये याद रहना जरूरी है कि जीवन बहुत छोटा है। उन्होंने कहा, 'हम सभी के जीवन में डार्क फेज आता है। एक बात तय है कि ये इस संसार में एक बहुत छोटा-सा सफर है। हम पैदा हुए तथा एक दिन चले जाएंगे। ये हमारे लिए परमानेंट जगह नहीं है। हमें नहीं पता कि हम कहां जाने वाले हैं। ये हर व्यक्ति की अपनी कल्पना एवं विश्वास पर डिपेंड करता है।' रहमान को लगता है कि ये अप्रोच जीवन को मीनिंग देती है तथा उन्हें आगे बढ़ाती रहती है। रहमान मानते हैं कि वो एजुकेशन एवं यंग जेनरेशन को मेंटर करके समाज में अपना योगदान दे सकते हैं। रहमान ने अंतिम बार हिंदी फिल्म 'पिप्पा' के लिए म्यूजिक दिया था, जिसमें ईशान खट्टर एवं मृणाल ठाकुर ने लीड किरदार अदा किए थे। जावेद अख्तर के जिस बयान ने मचाया बवाल उस पर आई पंकज त्रिपाठी की प्रतिक्रिया, बोले- 'मैं दुल्हन की ओर से भी हूं और...' 27 साल बाद एक साथ फिल्म में नजर आएँगे बॉलीवुड के 2 मशहूर सुपरस्टार्स, नाम जानकर झूम उठेंगे फैंस सारा ने की शिखर पहाड़िया संग पार्टी तो भड़की जाह्नवी, उठाया ये कदम!