नई दिल्ली: रोज़मर्रा के कामों में हमारे हाथों में कई नोट आते हैं और फिर बाजार में जाते हैं। जिसमे 10 रुपए से लेकर 2000 तक के नोट होते हैं। 10-50 रुपए के नोटों तक तो हम अधिक ध्यान नहीं देते, लेकिन बड़े नोटों को अधिकतर लोग 2-3 बार गौर से देखते हैं, कि कहीं वो नकली न हो। ऐसे ही कुछ नोट इस समय मार्केट में चल रहे हैं, जिनको लेकर लोगों के मन में संशय है कि कहीं ये नकली नोट तो नहीं ? दरअसल, कभी आपने 10 रुपये से लेकर 2000 हजार रुपये का ऐसा नोट देखा होगा, जिसपर * (स्‍टार) का चिन्ह छपा हुआ होगा। क्‍या आपने कभी सोचा है कि ये नोट नकली हो सकता है? ऐसे नोट बाज़ार में कहां से आते हैं ? क्‍योंकि स्‍टार सीरीज वाले नोट कभी-कभार ही देखने को मिलते हैं। कई बार लोग इस तरह के नोट को लेने से भी हिचकिचाते हैं। उनके मन में सवाल होता है कि, आखिर नोट के सीरियल नंबर के बीच में ये स्‍टार क्‍यों और कहां से आया। यदि आपको भी इसका मतलब नहीं पता, तो चिंता मत करिए, हम इस आर्टिकल में आपको इसी बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। जैसे ये नोट असली होता है या नकली ? स्‍टार सीरीज के नोट मार्केट में कब से और क्यों आने लगे? क्या इन नोटों को भी रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ही जारी करता है ? इसको लेकर सोशल मीडिया पर एक मैसेज भी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमे दावा किया जा रहा है कि, स्टार सीरीज वाले नोट नकली होते हैं और लोगों से आग्रह किया गया है कि, ऐसे नोटों को न लें। लेकिन सच्चाई क्या है, ये हम आपको बताते हैं। तो बता दें कि RBI ने पहली बार स्‍टार सीरीज के नोट 2006 में जारी किए थे। इन नोटों को उन करेंसी नोटों के बदले छापा जाता है, जो छपाई के दौरान खराब हो जाते हैं, या फिर उनमें किसी तरह की कोई त्रुटि रह जाती है। स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो, जब नोट छपते हैं, तो उनमें कुछ नोट की प्रिंटिंग में कुछ गलती हो जाती है। इस कारण उन नोट को हटाना होता है और उसके स्थान पर नए नोट जारी करने होते हैं। अब जब नए नोट जारी किए जाते हैं, तो उन पर स्‍टार का चिन्ह लगा दिया जाता है, जिससे यह पता चल जाता है कि उस बंडल में कुछ नोट खराब हुए थे, जिनके स्थान पर ये स्टार सीरीज वाले नोट शामिल किए गए हैं। हालाँकि, इन नोटों की वैल्‍यू आम नोटों के बराबार ही होती है, बैंक इन्हें बिना किसी वेरीफिकेशन के स्वीकार करती है, यानी ये नोट नकली नहीं होते। उल्टा कई लोग, इसे अपने पास सहेजने के लिए इसकी अधिक कीमत भी देते हैं और कुछ ऑनलाइन साइट्स पर भी ये स्टार मार्क वाले नोट अधिक मूल्य में बिकते हैं । बता दें कि, पहले ऐसे करेंसी नोट सिर्फ 10, 20 और 50 रुपये मूल्यवर्ग में ही छापे जाते थे। मगर 2009 के बाद से 100 रुपए, 500 रुपए और 1000 रुपए (जो बंद हो चुके) मूल्यवर्ग के नोट भी स्टार सीरीज में छापे जाने लगे। ध्यान रहे कि स्टार सीरीज वाले नोट, सामान्य करंसी नोट जैसी ही होते हैं, अंतर सिर्फ इतना होता है कि, इन नोटों के पहले वाले 3 अक्षरों (प्रीफिक्स) के बाद एक स्टार चिन्ह बना होता है और बाद में सीरियल नंबर लिखा होता है। स्टार सीरीज वाले करेंसी नोटों की सीरीज में प्रयोग किए जाने वाले पहले 3 अक्षरों को दूसरे करेंसी नोटों की सीरीज में इस्तेमाल नहीं होते। इसलिए ये आम छपने वाले नोटों से थोड़े भिन्न होते हैं। जब भी ऐसे करेंसी नोट जारी किए जाते हैं उनके पैकेट के ऊपर एक स्ट्रिप लगाई जाती हैं। जिसके ऊपर लिखा होता है कि पैकेट में स्टार चिन्ह वाले नोट भी हैं, ताकि इन्हे आसानी से पहचाना जा सके। यानी, ये नोट पूरी तरह से असली होते हैं और आम लेन-देन में पूरी तरह उपयोगी होते हैं। इसलिए अफवाहों पर ध्यान न दें और करेंसी नोट संबंधी किसी भी जानकारी के लिए सोशल मीडिया वायरल पोस्ट्स की जगह RBI पर भरोसा करें। 'जरूरत पड़ी तो LoC पार करेंगे..', कारगिल विजय दिवस पर राजनाथ सिंह ने भरी हुंकार, शहीदों के परिजनों से की मुलाकात जिस हमले ने दहला दिया था पूरा भारत, तब इस भारतीय सैनिक ने अपनी बहादुरी से बचाई थी कइयों की जान सोशल मीडिया पर वायरल वायरल हुआ अंजू का हलफनामा, लिखी है ये बातें