गृह मंत्रालय ने कहा है कि अर्जुन पुरस्कार विजेताओं और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले खिलाडि़यों को शस्त्र कानून में संशोधन के बाद बंदूक रखने को लेकर बनाए गए कड़े नियमों से छूट मिल गई हैं. अर्जुन पुरस्कार विजेताओं को यदि पुरस्कार निशानेबाजी में मिला है, तो शस्त्रों की संख्या में छूट मिलेगी. अगर अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता और जाने-माने निशानेबाज .22 कैलीबर की 12 तक राइफल, आठ एमएम तक के कैलीबर की सेंटर फायर राइफल, नौ एमएम सहित इससे कम के कैलीबर की पिस्टल और रिवाल्वर और 12 बोर तक के कैलीबर की शॉटगन रख सकते हैं. हालांकि निजी इस्तेमाल, ट्रेनिंग या प्रतियोगिताओं में उपयोग लिए बंदूक रखने के नियम से जिस भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज को छूट मिलेगी, उसे खेल मंत्रालय या राष्ट्रीय या राज्य राइफल संघ से प्रमाणित होना चाहिए. खिलाडि़यों को छूट से संबंधित इस अधिसूचना को गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पुण्य सलिल श्रीवास्तव ने जारी कर दिया है. इस अधिसूचना के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में एशियाई खेल, एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप, एशियाई महिला या एशियाई जूनियर निशानेबाजी चैंपियनशिप, राष्ट्रमंडल खेल, राष्ट्रमंडल निशानेबाजी चैंपियनशिप, ओलिंपिक खेल, विश्व जूनियर या सीनियर निशानेबाजी चैंपियनशिप और जूनियर तथा सीनियर विश्व कप शामिल हैं. अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता का अर्थ वह खिलाड़ी है, जिसने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में व्यक्तिगत या टीम पदक जीता हो. जाने-माने निशानेबाज का मतलब वह व्यक्ति है, जिसने अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी यूनियन के नियमों के मुताबिक राष्ट्रीय निशानेबाजी चैंपियनशिप के ओपन पुरुष या ओपन महिला या ओपन नागरिक स्पर्धा में हिस्सा लिया हो और राष्ट्रीय राइफल संघ द्वारा तय न्यूनतम क्वालीफाइंग स्कोर हासिल किया हो. खेलो इंडिया में पहली बार यूनिवर्सिटी गेम्स को शामिल किया, 21 फरवरी से भुवनेश्वर में डिजोन को पीएसजी ने 6-1 से हराया, फ्रेंच कप के सेमीफाइनल में पहुंचा ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज माइकल क्लार्क़ ने अपनी पत्नी से लिया तलाक़, देने होंगे इतने करोड़