दार्जिलिंग। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा जीजेएम ने पश्चिम बंगाल की पहाड़ियों में 12 घंटे के बंद अह्वान किया। ऐसे में बड़े पैमाने पर पर्यटन प्रभावित रहा। यहां पर करीब 10 हजार से भी अधिक पर्यटक यहां पर घूमने पहुंचे। जीजेएम समर्थक दार्जिलिंग के विद्यालयों में बांग्ला भाषा की पढ़ाई अनिवार्य कर दी गई थी। यहां पर लंबी हड़ताल रखी गई थी। जिसका कारण यह था कि करीब 10000 से अधिक पर्यटक यहां घूमने आए थे। इन पर्यटकों को बंद के दौरान प्रभावित होना पड़ा। पर्यटक यहीं पर फंसे रह गए। दरअसल विद्यालयों में बांग्लाभाषा की पढ़ाई को अनिवार्य किया जा रहा है ये लोग इसका विरोध कर रहे हैं। बंद से बाजार पूरी तरह प्रभावित रहा। लोगों को भोजन के लिए प्रतिष्ठानों की तलाश करना पड़ गई। वहीं पर्यटन मंत्री गौतम देब ने इस मामले में कहा श्हमने कई जगहों पर शिविरों में मदद शुरू किए हैं जिससे प्रभावितों को मदद मिलेगी। हमारा प्रयास है कि जल्द हालात सामान्य हो जाऐं। ए दार्जिलिंग से भारतीय जनता पार्टी भाजपा सांसद एस अहलूवालिया ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील की कि वे अपना बदला लेने वाला रवैया बदल दें। और इस क्षेत्र की शांति को भंग ना करें। उनका कहना था कि किसी की भाषा का अपमान नहीं है हम तो सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं। गौरतलब है कि अलग गोरखालैंड की मांग कर रहे जीजेएम के समर्थकों ने गुरुवार को सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया और कई जगह सरकारी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान पुलिस जवान भी हिंसा के शिकार हुए और पथराव व लाठी चार्ज हुआ। हालात ये रहे कि सेना को मोर्चा संभालना पड़ गया। योगी आदित्यनाथ को भेजा 125 किलो का साबुन, अपनाया विरोध का अनूठा तरीका MP के बाद पंजाब में किसान आंदोलन, 12 जून से होगा आगाज मध्यप्रदेश : शाजापुर में किसानी उपद्रव के चलते धारा 144 लागू