मालदीव में हालत सामान्य होते नहीं दिखाई दे रहे है. राजधानी माले में स्थिति फ़िलहाल गंभीर बानी हुई है और हिंसा और तनाव इलाके में पसरा हुआ है. अराजकता के चलते विपक्षी दलों के लोगो को हिरासत में लिया जा रहा है नजरबंद किया जा रहा है. दरसअल राष्ट्रपति यामीन के सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से इनकार कर देने के बाद इस देश में हालात बिगड़ने शुरू हुए थे, सुप्रीम कोर्ट ने नौ राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का आदेश दिया था और कहा था उनके खिलाफ केस दुर्भावना से प्रेरित हैं. कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद, पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब समेत 12 सांसदों को बहाल करने का आदेश दिया था. राष्ट्रपति यामीन ने इस फैसले को मानने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को ही गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट को अपना फैसला वापस लेना पड़ा था. हालत यह है कि सेना ने बुधवार को संसद पर भी कब्जा करते हुए संसद में मौजूद एक-एक सांसद को खींचकर बाहर निकाल दिया. मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के महासचिव अनस अब्दुल सत्तार ने ने ट्वीट पर लिखा, 'सुरक्षा बलों ने सांसदों को मजलिस परिसर से बाहर फेंक दिया गया है. चीफ जस्टिल अबदुल्ला सईद सच सामने ला रहे थे और उन्हें भी उनके चैंबर से घसीट कर ले जाया गया. 'इससे पहले मंगलवार को सुरक्षा बलों ने संसद को चारों ओर से घेर लिया था. मंगलवार को सेना ने सांसदों को संसद में घुसने नहीं दिया था. अब अफ्रीका में भी मालदीव से हालात मालदीव में राष्ट्रपति की मनमानी : जज कोर्ट में कैद, जनता सड़कों पर पाक की धमकी, पहले कश्मीर फिर अमन