नई दिल्ली: रिपब्लिक टीवी के चीफ एडिटर अर्नब गोस्वामी की अंतरिम जमानत याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है। इस दौरान अर्नब गोस्वामी की ओर से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने केस की इन्वेस्टिगेशन सीबीआइ से कराने की डिमांड की है। अर्नब ने बांबे उच्च न्यायालय द्वारा जमानत से मना किए जाने को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान जज चंद्रचूड़ ने कहा, 'अगर हम एक कोर्ट के तौर पर संवैधानिक आजादी की रक्षा नहीं करेंगे, तो कौन करेगा?... यदि कोई प्रदेश किसी शख्स को जानबूझकर टारगेट करता है, तो एक मजबूत संदेश देने की जरुरत है। हमारा लोकतंत्र असाधारण रूप से लचीला है। अर्नब की जमानत याचिका पर विवाद के दौरान हरीश साल्वे ने कहा कि द्वेष तथा तथ्यों को अनदेखा करते हुए, प्रदेश की शक्तियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। इस केस में मई 2018 में मुकदमा दायर किया गया था। दोबारा इन्वेस्टिगेशन करने के लिए शक्तियों का गलत उपयोग किया जा रहा है। बांबे उच्च न्यायालय ने इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाईक को सुसाइड के लिए कथित रूप से उकसाने के केस में अर्नब तथा दो अन्य व्यक्तियों को अंतरिम जमानत देने से मना करते हुए, उन्हें राहत के लिए स्थानीय कोर्ट जाने को कहा था। आपको बता दें कि अलीबाग पुलिस अर्नब की पुलिस रिमांड चाहती है। इसकी डिमांड करते हुए अभियोजन पक्ष के स्पेशल गवर्मेंट एडवोकेट पी घरात ने कहा कि अर्नब की गिरफ्तारी आवश्यक थी, क्योंकि अन्वय के सुसाइड से पूर्व लिखे गए लेटर में उनका नाम था। अगर गिरफ्तारी आवश्यक नहीं होती, तो मजिस्ट्रेट न्यायिक रिमांड में उनसे पूछताछ की मंजूरी नहीं देते। ऑनलाइन न्यूज़ और कंटेंट पोर्टल के लिए सरकार ने जारी की अधिसूचना केजरीवाल ने बेहतर मेडिकल पहुंच के लिए अस्पतालों में की ई-स्वास्थ्य कार्ड की घोषणा केरल HC ने 3 महिलाओं को दी अग्रिम जमानत