लॉकडाउन : रोजाना 1200 लोगों की भूख मिटा रही यह सं​स्था

इस समय पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से लॉक डाउन है. वही, इस दौरान परेशान व जरूरतमंद 1200 लोगों को रोजाना भोजन व दवाई का वितरण संस्था एडेज मोई फाउंडेशन सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखकर कर रही है. लॉक डाउन की वजह से लोगों का काम-धंधा बंद है. कामकाजी लोग घर में हैं, उनमें से बहुत से लोग खाने और दवाई को लेकर बहुत परेशान हैं. ऐसे जरूरतमंद और परेशान लोगों को संस्था की गाड़ी द्वारा दवाई और पका हुआ भोजन तथा अन्य जरूरत की राहत सामग्री पहुँचाई जाती है. यह सिलसिला जब तक लॉक डाउन चालू रहेगा, तब तक जारी रहेगा. गौरतलब है कि एडेज मोई फाउंडेशन संस्था को फिल्म अभिनेत्री अर्पिता माली ने डेढ़ लाख रुपये दान किया है. जिससे गरीब व जरूरतमन्द लोगों को राहत सामग्री पहुँचाई जा सके.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि  एडेज मोई फाउंडेशन के अध्यक्ष बृजभान सिंह यादव हैं. महासचिव संजय श्रीवास्तव तथा कोषाध्यक्ष अर्पिता माली हैं. एडेज मोई फाउंडेशन से जुड़े लोग पहले स्वयं से सहायता का उपयोग करते थे. पंजीकरण के बाद एडेज मोई फाउंडेशन स्थापित करने की अवधारणा निम्नलिखित क्षेत्र में मदद करने के लिए तत्पर है. जैसे चिकित्सा क्षेत्र में जरूरतमंदों का पता लगाना, रोगियों से संपर्क करना और उन्हें नजदीकी अस्पताल में ले जाकर उपचार प्रदान करना. जिन लोगों को कोई भी कोई बीमारी है, उनका पता लगाकर मदद करना. ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा का ज्ञान के तहत हर स्ट्रीम के लिए ऑनलाइन सेंटर लाइब्रेरी सह कोचिंग सेंटर विकसित करना. जरूरतमंदों के लिए आश्रय और भोजन की व्यवस्था करना है. संस्था की दृष्टि हर उस इंसान तक पहुंचनी है, जो जरूरतमंद हैं.

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दुर्भाग्य से कोरोना वायरस महामारी भारत में फैलने से कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार द्वारा लॉक डाउन किये जाने से एडेज मोई फाउंडेशन HELP HUMAN FIGHT COVID-19 नामक अभियान के तहत निम्नलिखित तरीकों से लोगों की मदद कर रही है. 1. दैनिक आधार पर पके हुए भोजन को 1200 लोगो तक प्रतिदिन पहुंचाना. 2. चिकित्सा सहायता प्रदान करना (लोगों से संपर्क कर डॉक्टरों के साथ टेलीफोन परामर्श की व्यवस्था की जाती हैं और निर्धारित दवाईयाँ उपलब्ध की जाती है.) यहां तक ​​कि कुछ लोग संस्था के व्हाट्सएप नंबर पर भी वहां पर्चे पत्र भेजते हैं और उन्हें दवाईयाँ पहुँचाई जाती है. 3. मातृत्व में मदद करना (नवजात शिशुओं की माँ को उच्च पोषक तत्व के साथ दूध और भोजन प्रदान किया जाता है, ताकि उन्हें वहाँ से पर्याप्त दूध मिल सके.) 4. संस्था 40 गाँव के 40 प्रधान के संपर्क में है. ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी जरूरत के मामले में संस्था के लोग वहां खड़े होंगे. 5. मास्क, साबुन और सैनिटाइजर वितरण गतिविधियों को नियमित रूप से किया जाता है. 6. कोरोना वायरस कोविड-19 के बारे में जागरूकता अभियान भौतिक माध्यम और ऑनलाइन माध्यम से भी चल रहा है.

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