हैदराबाद: तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के धर्मबाद में एक अदालत द्वारा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू समेत 13 अन्य लोगों के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी किये जाने के बाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) एनआर गजभी ने पुलिस को सभी आरोपी गिरफ्तार करने और 21 सितंबर तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिए हैं. इंदौर में मोदी : बोहरा समाज के कार्यक्रम में शामिल हुए पीएम मोदी, शिवराज भी हुए शामिल टीडीपी नेताओं ने कहा कि गिरफ्तारी वारंट भाजपा द्वारा की गई राजनीतिक राजीतिक गुंडागर्दी है, यह भाजपा के षड्यंत्र के अलावा और कुछ भी नहीं है. टीडीपी अध्यक्ष एल रामान ने कहा, भाजपा, तेलंगाना में टीडीपी द्वारा बनाए जा रहे गठबंधन से डर गई है, इसलिए वह एक्सपायर हो चुके अर्रेस्ट वारंट का नवीनीकरण करवाकर षड़यंत्र कर रही है. नायडू के बेटे और राज्य सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री एन लोकेश ने कहा कि उनके पिता और अन्य टीडीपी नेता अदालत में उपस्थित होंगे "वह तेलंगाना के हितों की रक्षा के लिए लड़े हैं, लोकेश ने कहा कि जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था तो उन्होंने जमानत लेने से भी इनकार कर दिया था. टीडीपी नेता बी वेंकन्ना ने कहा, "यह बीजेपी, पीएम मोदी और अमित शाह द्वारा बदले की राजनीति है". जेल से रिहा हुआ भीम आर्मी का चीफ 'रावण', बाहर निकलते ही दी योगी सरकार को चेतावनी आपको बता दें कि धर्मबाद अदालत ने 5 जुलाई को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसे 16 अगस्त तक निष्पादित किया जाना था, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई. फिर एक नांदेड़ निवासी द्वारा अपील करने पर अदालत ने एक और वारंट जारी करते हुए 21 तारीख तक आरोपितों को अदालत में पेश करने के निर्देश दिए. नायडू के अलावा, राज्य जल संसाधन मंत्री देवनीनी उमामेश्वर राव, सामाजिक कल्याण मंत्री एन आनंद बाबू और पूर्व विधायक जी कमलाकर (जो बाद में टीआरएस में शामिल हो गए) मामले में आरोपित किए गए हैं. ये था मामला साल 2010 में गोदावरी नदी की बबली परियोजना पर प्रदर्शन से जुड़े एक मामले में नायडू के साथ ही अन्य 15 लोगों के विरूद्ध वारंट जारी किया गया है. अविभाजित आंध्र प्रदेश में तब विपक्ष में रहे नायडू और अन्य को महाराष्ट्र में बाबली परियोजना के नजदीक विरोध करने पर गिरफ्तार किया गया था और उन्हें पुणे में जेल में डाल दिया गया था.उनका विरोध था कि इस परियोजना के कारण निचले हिस्सों में रहने वाले लोग प्रभावित होंगे. बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था लेकिन उन्होंने जमानत नहीं मांगी थी. खबरें और भी:- जम्मू कश्मीर में चुनाव के बहिष्कार का कारण 35 (ए) या हार का डर देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले से जूझने के बाद PNB उठायेगी एक बड़ा कदम, फर्जी खातों को करेगी नीलाम जम्मू कश्मीर: मुख्य सचिव ने की घोषणा, निर्धारित समय पर होंगे चुनाव