कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी आज अपना जन्मदिन मना रही हैं। ममता का जन्म 5 जनवरी 1955 को कोलकाता के एक निम्न मध्यवर्गीय परिवार में हुआ। ममता बनर्जी के पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे। इनकी मौत दवाई ना मिलने के चलते हुई थी। मात्र 17 वर्ष की उम्र में ममता ने अपने पिता को खो दिया था। परिवार की जिम्मेदारी भी अब ममता के कंधो पर ही थी। उन्होंने दूध बेचकर अपने भाई-बहन का पालन किया। ममता बनर्जी ने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से लॉ में स्नातक और आर्ट्स में मास्टर की पढ़ाई पूरी की। एक गरीब में रहकर दूध बचने से लेकर बंगाल की सत्ता चलाने तक का सफर ममता ने कैसे पूरा किया।चलिए जानते हैं ममता बनर्जी के जन्मदिन पर उनसे जुड़े कई किस्से... कॉलेज से ही शुरू कर दी राजनीति :- मिली जानकारी के अनुसार ममता बनर्जी ने 70 के दशक में कॉलेज में कांग्रेस पार्टी के द्वारा राजनीति में अपना कदम रखा था। बहुत जल्द ही कांग्रेस में उनका कद बढ़ गया और पार्टी ने उन्हें महिला कांग्रेस का महासचिव के तौर पर चुन लिया गया था। साल 1984 के आम चुनाव में ममता भारत की सबसे कम उम्र की सांसद बन गई। उन्होंने इस चुनाव में जादवपुर सीट से सोमनाथ चटर्जी को मात देकर जीत हासिल की। 1996, 1999, 2004 और 2009 में ममता बनर्जी कोलकाता सीट से लोकसभा चुनाव को जीत लिया। 1991 में राव सरकार में बनर्जी मानव संसाधन विकास, युवा मामले, खेल व महिला और बाल विकास राज्यमंत्री पद का कारभार संभाला। कांग्रेस को छोड़कर अपनी पार्टी खड़ी की: - वर्ष 1993 में ममता बनर्जी ने खेल मंत्रालय से इस्तीफा भी दे दिया था। उन्होंने 1996 में कांग्रेस पर पश्चिम बंगाल में माकपा की कठपुतली होने का गंभीर इलज़ाम लगाया। वहीं 1997 में उन्होंने अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी का भी निर्माण किया। इतना ही नहीं वर्ष 2011 में 34 सालों से निरंतर शासन कर रही माकपा और वामपंथी दलों की सरकार को बाहर का रास्ता दिखा दिया। वर्ष 1999 में वह एनडीए का हिस्सा बन गई और रेलमंत्री बनी। 2011 में ममता एनडीए से अलग हो गई। जंहा ममता बनर्जी ने अपने जीवन में बहुत सी लड़ाईयां लड़ी है। दूसरे सीएम की तुलना में वह साधारण जीवन जीना बेहद ही पसंद करती है। ममता बनर्जी आज भी कोलकाता में अपने पुश्तैनी मकान में रहती हैं। सीएम होने के बावजूद वह साधारण चप्पल और सफेद साड़ी पहनी हुई दिखाई देती है। सुशील कुमार मोदी का जन्मदिन आज, जानिए कैसा रहा उनका सियासी करियर वास्तुकला और अध्यात्म का अद्भुत संगम है 'वीरनारायण मंदिर' गंगा में अपने परिजनों की अस्थियां विसर्जन कर सकेंगे पाकिस्तानी हिन्दू, मोदी सरकार करेगी मदद