सरकार किसी की भी हो 'पासवान' केंद्र में मंत्री रहेंगे.., बेहद दिलचस्प था 'रामविलास' का किरदार

पटना: आज लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की पुण्यतिथि है। बिहार के खगड़िया जिले में 5 जुलाई 1946 को जन्मे रामविलास पासवान 3 भाइयों में सबसे बड़े थे। वे शुरू से पढ़ाई में एक होनहार विद्यार्थी रहे, रामविलास पासवान ने बिहार की प्रशासनिक सेवा परीक्षा भी पास की थी। उन्हें पुलिस विभाग में पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के पद पर नियुक्ति भी मिली। 

स्वयं रामविलास पासवान ने 2016 में एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि, '1969 मे मेरा DSP मे एवं MLA दोनों मे एक साथ चयन हुआ। तब मेरे एक दोस्त ने पूछा कि बताओ Govt बनना है या Servant ?बस तभी मैंने राजनीति ज्वाइन कर ली।' रामविलास पासवान को सियासत का ऐसा बेताज बादशाह माना जाता था, केंद्र में किसी भी दल की सरकार हो, उसमे केंद्रीय मंत्री का एक पद पासवान का रहता ही था। यही कारण था कि, पासवान को देश के 6 प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का मौका मिला। अपने मिलनसार स्वभाव के कारण वह हर राजनीतिक खांचे में फिट बैठ जाते थे।

वही पहली बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी की ओर से बिहार के अलोली सीट से उपचुनाव लड़कर उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेता को पराजित किया  तथा इस समय उनकी आयु सिर्फ 23 वर्ष की थी। यहीं से उनका सियासी करियर आरम्भ हुआ। इसके बाद 1977 में उन्होंने ऐसा रिकार्ड बनाया जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सम्मिलित हो गया।  उन्होंने हाजीपुर से 4.25 लाख मतों से जीत हासिल की तथा अपना ही रिकॉर्ड उन्होंने 1989 में तोड़ दिया जब 5.05 लाख वोटों से जीत हासिल की। कई बार केंद्रीय मंत्री और 9 बार लोकसभा सदस्य तथा 2 बार राज्यसभा सदस्य रहने वाले रामविलास पासवान का निधन 8 अक्टूबर 2020 को हो गया था।  

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