नई दिल्ली: महान स्वतंत्रता सेनानी विनोबा भावे की आज पुण्यतिथि है। गांधीवादी विचारों से प्रेरित आचार्य विनोबा भावे का जन्म महाराष्ट्र के कोलाबा में 11 सितंबर, 1895 को हुआ था। उन्होंने बहुत कम उम्र में भगवत गीता पढ़ना शुरू कर दिया था और वह गीता से बहुत अधिक प्रेरित हुए था। वह गीता का सार भी समझ गये था और उसके बाद उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में गांधी बापू के भाषण के बारे में समाचार पत्रों में छपी एक रिपोर्ट पढ़ी जिसने उन्हें काफी प्रभावित किया। वहीँ साल 1916 में मुंबई के माध्यम से मध्यवर्ती परीक्षा में उपस्थित होने के लिये जा रहे थे पर महात्मा गांधी के भाषण सुनकर उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी। उस समय विनोबा भावे ने अपने स्कूल और कॉलेज प्रमाण पत्रों को आग में डाल दिया और लोगों के जीवन के सुधार में लग गए। विनोबा भावे, महात्मा गांधी से 7 जून 1916 को पहली बार मिले और उनकी बातों से इतना प्रभावित हुए कि साबरमती में महात्मा गांधी के साथ (तपस्वी समुदाय) में शामिल हो गए। केवल यही नहीं बल्कि उन्होंने 1000 गांव लेकर भूमिहीनों में जमीन भी बांटी थी। इसी के साथ कहा जाता है कि उनका मानना था कि, “हवा और पानी की तरह ही जमीन भी है। उस पर सबका हक है। आप मुझे अपना बेटा मानकर अपनी जमीन का छंठवा हिस्सा दे दीजिए, जिसपर भूमिहीन बस सकें और खेती कर के अपना पेट पाल सकें।” विनोबा भावे का मानना था कि भारतीय समाज के पूर्ण परिवर्तन के लिए ‘अहिंसक क्रांति’ छेड़ने की आवश्यकता है। वहीँ साल 1932 में ब्रिटिश सरकार ने विनोबा को सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचने के आरोप में धुलिया में छह महीने के लिए जेल भेज दिया। आपको बता दें कि विनोबा भावे को ही सामुदायिक नेतृत्व के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय रेमन मैगसाय पुरस्कार मिला था। उनका निधन 15 नवम्बर 1982 में हुआ था। अंग्रेज़ों के लिए दहशत का दूसरा नाम थे बिरसा मुंडा, भारतीय मानते हैं 'भगवान' उदयपुर-असरवा रेलवे पटरी पर हुआ विस्फोट, जांच में जुटी NIA भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों पर होगा एक्शन, मोदी सरकार हुई सख्त