भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के जनक थे डॉ होमी जहांगीर भाभा, प्लेन क्रैश में हुआ था निधन

डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा (Homi Jehangir Bhabha) की पहचान सबसे पहले भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के जनक के रूप में दर्ज है। भाभा ना सिर्फ उत्तम वैज्ञानिक थे बल्कि वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी भी थे। डॉक्टर भाभा का व्यक्तित्व ऐसा था कि नोबेल पुरस्कार विजेता सी.वी. रमन उन्हें भारत का लियोनार्दो द विंची कहकर बुलाते थे। आज 30 अक्टूबर को डॉक्टर भाभा की जयंती है।

डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा ने देश के परमाणु कार्यक्रम के भावी स्वरूप की मजबूत बुनियाद रखी, जिसके कारण भारत आज दुनिया के प्रमुख परमाणु संपन्न देशों की कतार में खड़ा है। डॉक्टर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 को मुंबई के एक संपन्न पारसी परिवार में हुआ था। डॉक्टर भाभा को 5 बार भौतिकी के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था, किन्तु बदकिस्मती से विज्ञान की दुनिया का सबसे बड़ा सम्मान उन्हें नहीं मिल सका। परन्तु भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित कर उनका मान बढ़ाया।

24 जनवरी 1966 को होमी जहांगीर भाभा एयर इंडिया की फ्लाइट क्रमांक 101 के जरिए मुंबई से न्‍यूयॉर्क जा रहे थे। यात्रा के एयर इंडिया का बोइंग 707 विमान माउंट ब्‍लैंक पहाड़ियों के पास दुर्घटना का शिकार हो गया। इस हादसे में होमी जहांगीर भाभा सहित विमान में सवार सभी 117 मुसाफिरों की मौत हो गई थी। कहा यह भी जाता है कि अमेरिकी एजेंसी CIA ने भारत का न्यूक्लिअर अभियान रोकने के लिए यह प्लेन क्रैश करवाया था। हालांकि यह बात साबित नहीं हो सकी है और होमी भाभा की मौत एक रहस्य बनी हुई है।

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