नई दिल्ली: इरफान पठान किसी दौर में न सिर्फ एक अच्छे गेंदबाज़ थे, बल्कि एक भारतीय टीम के बेहतरीन ऑलराउंडर भी थे। इरफान गुजरात के शहर वडोदारा से निकलकर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। हालांकि, वो बीते कुछ वर्षों से टीम इंडिया से दूर चल रहे हैं, किन्तु वो रणजी में आज भी प्रर्दशन कर रहे हैं। पठान के पिता मस्जिद में झाड़ू लगाने का काम करते थे और उनकी तनख्वाह उस जमाने में 200 से 250 रुपए होती थी। ऐसे में जाहिर है कि इरफ़ान के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो क्रिकेट से जुड़ी सामग्री को खरीद सकें। इरफान अक्सर अपने पास की बाजार से सेकंड हैंड जूते खरीद लेते थे और घर आकर खुद ही उन्हें सिल कर पहनते थे। पठान का फेवरेट स्पोर्ट पतंगबाजी है जो वह बड़े शौक से करते हैं। दिसंबर 2003 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध एडीलेड टेस्ट में जब इरफान पठान ने अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत की तो उनकी आयु केवल 19 साल थी। किन्तु धीरे- धीरे वो टीम में अपनी जगह बनाने लगे, पठान ने पाकिस्तान के दौरे पर खुब तहलका मचाया और वहीं से वो भारत के प्रमुख गेंदबाज बन गए। हर गुजरते मुकाबले के साथ पठान के सितारे बुलंदियों पर थे। पठान भारत के स्ट्राइक गेंदबाज बन चुके थे। ODI में भी उन्होंने विकटों का पतझड़ लगा दिया। पठान ने इस दौरान 59 मैचों में 100 विकेट चटकाने का रिकॉर्ड बनाया। आज तक पठान ही भारत की तरफ से सबसे तेज 100 विकेट लेने वाले बॉलर हैं। भारत की तरफ टेस्ट क्रिकेट में दूसरी हैट्रिक लगाने वाले भी इरफान पठान ही हैं। पठान ने यह कारनामा पाकिस्तान के विरुद्ध 2006 में कराची में खेले गए टेस्ट मैच में किया था। टी-20 विश्व कप: भारत से मैच के पहले न्यूज़ीलैंड टीम को लगा बड़ा झटका, ये खिलाड़ी हुआ मुकाबले से बाहर 'सबसे अच्छी बात रिज़वान ने की, हिन्दुओं के बीच ग्राउंड पर नमाज़ पढ़कर..', PAK की जीत पर वक़ार यूनुस का बयान Video: सामने आया 'बाबर आज़म' का असली चेहरा, गर्लफ्रेंड ने हाथ में 'क़ुरान' लेकर बताई सच्चाई