नई दिल्ली: जब भी भारतीय क्रिकेट हीरोज की बात की जाएगी, एक नाम की चमक शायद कोई भी दौर फीकी न कर सकेगा. यह नाम किसी और शख्स का नहीं बल्कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव का है. कपिल देव के बारे आज भी निर्विवाद रूप से माना जाता है कि वे ही थे, जिन्होंने 1983 में विश्व कप खेलने इंग्लैंड गई टीम इंडिया में खिताब जीतने की उम्मीद और उत्साह भरा था. कपिल देव सोमवार को 61 वर्ष के हो रहे हैं. एक कामयाब ऑलराउंडर भले ही पुरानी कहानी हो गई हो, किन्तु आज भी अगर कोई हरफनमौला खिलाड़ी टीम इंडिया में जगह पाने का दावेदार होता है तो उसका बेचमार्क कपिल देव होते हैं. कम से कम भारत में तो प्रत्येक ऑलराउंडर की तुलना देर सबेर कपिल से की ही जाती है, वाबजूद इसके कि कपिल के जमाने से अब तक क्रिकेट में जमीन आसमान का अंतर आ चुका है. कपिल देव की कप्तानी में ही इंडियन टीम ने 1983 का विश्वकप जीता था. इस टूर्नामेंट में कपिल ने 8 मुकाबलों में 303 रन बनाते हुए 12 विकेट और 8 कैच लिए. जिम्बाब्वे के खिलाफ उनकी 175 रनों की नाबाद धमाकेदार पारी ने भारत को क्वार्टर फाइनल में पहुंचाया था. जो आज भी वनडे इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक मानी जाती है. इसके बाद भारत ने वेस्ट इंडीज जैसी अजेय मानी जाने वाली टीम को फाइनल में शिकस्त देकर वर्ल्ड कप का ख़िताब जीता था. पूरे परिवार संग मसूरी में छुट्टियां बिताते नज़र आएं यह खिलाड़ी NXT और स्मैकडाउन में फिर वापसी ले सकता है यह खिलाड़ी यह 5 सुपरस्टार जित सकते है 2020 का ख़िताब