भारत एक लोकतान्त्रिक देश है और ‘पत्रकारिता’ को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है, क्योंकि हमारे देश में लोगों को अभिव्यक्ति की पूर्ण आजादी है। भारत में प्रेस की आज़ादी, भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 के तहत भारतीयों को प्रदान किए गए ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ (Right to Expression) के मूल अधिकार से सुनिश्चित होती है। इस दिवस का प्रमुख उद्देश्य ‘प्रेस की आजादी’ के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करना है। साथ ही ये दिन अभिव्यक्ति की आज़ादी को बनाए रखने और उसका सम्मान करने की प्रतिबद्धता की बात करता है। वहीं, पत्रकार को भी ये पता होना चाहिए कि, पत्रकारिता में तथ्यपरकता होनी चाहिए, फिर चाहे वह पत्रकार प्रशिक्षित हो या गैर प्रशिक्षित। तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर, बढ़ा-चढ़ा कर या घटना को सनसनी बनाकर पेश करने की पत्रकारों की प्रवृत्ति आज लोकतंत्र के इस चौथे स्तंभ को खोखला कर रही है। इस समय आवश्यकता जैसा देखा गया, जैसा सुना गया और जैसा कहा गया .., उसे वैसे का वैसा ही जनता के सामने रखने की है, ताकि लोगों के दिलों में निष्पक्ष पत्रकारिता के प्रति सम्मान पैदा कर देश की उन्नति में योगदान दिया जा सके। प्रेस की स्वतंत्रता के महत्व के लिए विश्व को आगाह करने वाला ये दिन बताता है कि लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा और उसे बहाल करने में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस वजह से सरकारों को भी पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। जबकि वर्तमान वक़्त में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित ना होने की वजह से आए दिन पत्रकारों पर हमलों की खबरे अखबार की सुर्खियों में देखने को मिलती है। जो एक सभ्य समाज के लिए बेहद शर्म की बात है। आज देश का लोकतंत्र बचाने के लिए हम सभी को साथ आने की आवश्यकता है। आप सभी को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं। राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2021: जाने इस दिन का महत्व विगत 20 वर्षों में पुलिस हिरासत में हुई 1888 मौतें, लेकिन सिर्फ 26 पुलिसकर्मी दोषी करार नेपाल में, भारत ने 50,000 घरों का पुनर्निर्माण पूरा किया