रेलवे स्टेशन पर मृत पाए गए थे पंडित दीनदयाल उपाध्याय, आज भी नहीं सुलझी है मौत की गुत्थी

नई दिल्ली: आज का दिन भारतीय इतिहास में काफी मायने रखता है। एक तो आज ही के दिन 1992 में नासा ने मंगल ग्रह पर छानबीन के लिए अपना ऑर्बिटर भेजा था और दूसरा आज जनसंघ के संस्थापक सदस्य और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पितृ पुरुष माने जाने वाले दीनदयाल उपाध्याय की जयंती भी है।

भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को उत्तर प्रदेश के मथुरा में हुआ था। बहुत ही कम उम्र में उनके माता-पिता का स्वर्गवास हो गया था। इन मुश्किल परिस्थितियों में उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की और इसी दौरान 1937 में उनका झुकाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ हुआ। जब श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने संघ की सहायता से भारतीय जनसंघ बनाया तो संघ ने संगठन का काम देखने उपाध्याय को सियासत में भेजा। 

15 वर्षों तक जनसंघ के महामंत्री रहते हुए उन्होंने पार्टी की जड़ों को मजबूती प्रदान की। संघ की विचारधारा को आगे बढ़ाया और जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1967 में उपाध्याय ने पार्टी के अध्यक्ष के रूप में कामकाज संभाला। हालांकि, 11 फरवरी 1968 को संदिग्ध परिस्थितियों में मुगलसराय रेलवे स्टेशन के पास उनका मृत शरीर पाया गया था। उनकी मृत्यु का कारण आज भी एक पहेली बना हुआ है।

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