बेहद दिलचस्प है 'शीला दीक्षित' की लव लाइफ, जो शख्स पसंद ही नहीं था, उसी से हुई लव मैरिज

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नाम से सभी परिचित हैं. वे 15 वर्षों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं. उनके सियासी करियर के बारे में तो अधिकतर लोग जानते ही हैं, लेकिन शीला दीक्षित की लव लाइफ से शायद ही कोई परिचित हो. आज हम आपको वही कहानी बताने जा रहे हैं. दिल्ली के जाने माने मिरांडा हाउस में पढ़ाई के दौरान शीला दीक्षित  की मुलाकात विनोद दीक्षित से हुई थी. 

विनोद दीक्षित, कांग्रेस के तत्कालीन दिग्गज नेता उमाशंकर दीक्षित के इकलौत बेटे थे. एक साक्षात्कार में शीला ने बताया था कि, 'मैं और विनोद एमए हिस्ट्री के विद्यार्थी थे, दोनों एक ही कक्षा में थे. विनोद मुझे कुछ अधिक अच्छे नहीं लगते थे. मैं सोचती थी ये अपने आप को बहुत समझते हैं, बहुत ही एरोगेंट (अक्खड़) हैं.' शीला दीक्षित ने बताया था कि एक बार उनके दो दोस्तों के बीच गर्लफ्रेंड और ब्वॉयफ्रेंड को लेकर विवाद हो गया था. इस विवाद को लेकर लड़की शीला के पास और लड़का विनोद के पास पहुंचा. इन दोनों की जिम्मेदारी थी कि वे गर्लफ्रेंड और ब्वॉयफ्रेंड का झगड़ा ख़त्म करा दें. इसी दौरान विनोद और शीला के बीच बातचीत शुरू हुई. दिलचस्प बात यह है कि यह बातचीत शुरू होने के बाद कभी ख्त्म ही नहीं हुई.

शीला दीक्षित ने अपने साक्षात्कार में बताया था कि इसके बाद वे क्लास में भी जमकर बातें करने लगे. मन ना भरता तो एक-दूसरे को खत लिखकर बातें करते. विनोद अक्सर शीला के साथ बस में बैठकर फिरोजशाह रोड जाते थे, ताकि वे उनके साथ अधिक से अधिक समय बिता सकें.  एक दिन उसी रूट पर बस नंबर 10 पर साथ चलते हुए विनोद ने शीला को शादी के लिए प्रपोज़ कर दिया. शीला दीक्षित के अनुसार, बस नंबर 10 में चांदनी चौक के सामने विनोद ने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रखा था. शीला ने बताया कि, 'विनोद ने मुझसे कहा, मैं मां से कहने वाला हूं कि मुझे एक लड़की मिल गई है. तो मैंने पुछा कौन सी लड़की मिल गई है. उन्होंने कहा मेरे साथ बैठी हुई है. मैं बिल्कुल हैरान रह गई.' जब शीला घर पहुंचीं तो उन्होंने बहन के साथ यह बात शेयर की और खुशी के मारे नाचीं. हालांकि शीला ने यह बात अपनी मां-पिता को नहीं बताई.

उस समय शीला के मन में डर था कि मां-पिता पूछते कि लड़का क्या करता है तो वह कैसे बतातीं की लड़का बेरोजगार है. इन सबके बाद भी शीला और विनोद दीक्षित की शादी हुई. इस शादी में विनोद के परिवार वालों ने काफी विरोध किया, क्योंकि शीला ब्राह्मण नहीं थीं. हालांकि बाद में विनोद दीक्षित UPSC की परीक्षा पास कर गए. पूरे देश में उन्हें 9वां स्थान मिला था, उन्होंने उत्तर प्रदेश कैडर चुना था.

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