नई दिल्ली: धरती पर जन्म लेने वाले प्रत्येक शख्स के कुछ न कुछ अधिकार निहित है। उसे उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती। लोगों को उनके अधिकारों के संबंध में बताने और जागरूक करने के उद्देश्य से ही प्रति वर्ष 10 दिसंबर को पूरे विश्व में मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। बता दें कि इस दिवस का उद्देश्य मानव अधिकारों के प्रति लोगों को जागरुक करना और मानवाधिकारों के हनन को रोकना है। मानवाधिकारों में मुख्य रूप से आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार और अंतरराष्ट्रीय नागरिक और सियासी अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता शामिल है, पूरे विश्व में मानवता के खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए इस दिवस की अहम भूमिका है। इस दिवस पर ‘दूसरों के अधिकारों के लिए कदम उठाना’ ख़ास उद्देश्य के तौर पर शामिल किया गया है। किसी भी व्यक्ति की जिंदगी, आजादी, समानता और सम्मान का अधिकार ही मानवाधिकार की श्रेणी में रखा जाता है। आमतौर पर कम ही लोगों को उनके सभी अधिकारों के संबंध में अच्छे से पता होता है। लोगों को उनके सभी अधिकारों के बारे में विस्तार से बताने के लिए ही इस किस्म के दिवस का आयोजन किया जाता है, जिससे उनको अपने खुद के अधिकारों के संबंध में पता चल सके। भारतीय संविधान इस अधिकार की न केवल गारंटी देता है, बल्कि इसे तोड़ने वाले को कोर्ट सजा देती है। नागरिकता संशोधन बिल पारित होने पर तिलमिलाया पाक, मोदी सरकार पर लगाया संगीन आरोप अमेरिकी आयोग ने कहा, अमित शाह पर प्रतिबन्ध लगाने पर विचार करे US सरकार पाक विदेश मंत्री कुरैशी ने भारत के केन्द्रीय मंत्री के भाषण को सिरे से नकारा