राम बने कलाकारों ने किस वजह से चुना रोल

रामानंद सागर की बनाई रामायण अपने जमाने से लेकर 2020 तक धूम मचा रही है. उस समय भगवान का दर्जा पा चुके एक्टर अरुण गोविल को आज की जनता ने भी पहचाना और प्यार दिया है.लेकिन अरुण गोविल के अलावा भी बहुत से टीवी स्टार्स राम भगवान की भूमिका अलग-अलग सीरियलों में निभा चुके हैं. वहीं ऐसे में सभी का नजरिया अलग था. वहीं ऐसे में हमें बहुत सी दिलचस्प बातें जानने को मिलीं. वहीं रामानंद सागर की रामायण में राम बने अरुण गोविल से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा, 'राम का किरदार तो अच्छा था ही इसके साथ ही रामानंद सागर जी का शानदार निर्देशन, अच्छी स्क्रिप्टिंग और अच्छे भावपूर्ण संवादों ने दर्शकों का मन मोहा है. इसके साथ ही इन सब चीजों ने जब साथ मिलकर काम किया तब जाकर रामायण को ऐसी जबरदस्त सफलता मिली. वहीं गुरमीत चौधरी ने अपने रोल के बारे में कहा- एक कलाकार के तौर जब आप किसी किरदार में घुसते हैं और वो भी ऐसे महान किरदार में, तो आपके अंदर भी वैसी ही भावनाएं पैदा होने लगती हैं. 

इसके साथ ही जब मैंने सीरियल रामायण(2008) में राम का किरदार निभाना शुरु किया तो मुझे इस बात का अंदाजा नहीं था कि शूटिंग खत्म होने के बाद मुझे इस किरदार से बाहर भी आना है.गुरमीत ने आगे कहा- मुझे उस किरदार से निकलने में कई महीने लग गए. वहीं कई लोग मुझे राम समझकर पांव छूते थे. मुझे बहुत सारी कहानियां भी सुनने को मिलती थी कि कई लोगों ने मेरी राम वाली फोटो को मंदिर में रख दिया है पूजा करने के लिए.इसके अलावा कई लोग मुझे सोशल मीडिया पर ये भी कहते थे कि हम जब भी आंखें बंद करते हैं तो हमें भगवान राम के रूप में आप ही नजर आते हैं और मुझे इस बात की काफी खुशी हैं कि दोबारा से दंगल टीवी पर हमारी वाली रामायण दिखाई जा रही हैं | इसके साथ ही सिया के राम सीरियल में राम बने एक्टर आशीष शर्मा का कहना है- भगवान राम समाज में समाये हुए हैं. हमारे जीवन से जुड़े हुए हैं , चाहे खुशी या गम हम परिस्थिति में राम को ही याद आते हैं. ये नाम लोगों की जड़ों से जुड़ा हुआ है. 

आपकी जानकारी के लिए बता दें की ये लोगों की भावना और श्रद्धा से जुड़ा हुआ मामला है. वहीं ऐसे में जब आप उस महान किरदार को निभाते हैं, तो सबसे बड़ी जो चीज होती है वो है जिम्मेदारी. इसके साथ ही हमें उस किरदार को निभाते हुए उस जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए कि हम गलती से भी कुछ ऐसा न कर दें जिससे उस किरदार को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचे. वहीं क्योंकि ये आस्था और विश्वास का प्रतीक है. क्योंकि रामायण पहले भी कई बार बन चुकी है और हमारे जह्न में रची-बसी हुई है. वहीं ऐसे में दूसरी बात निकलकर सामने आती है कि हम बाकियों से अलग क्या करें? जो देखा ना गया हो पहले और वो भी पहले से ज्यादा एंटरटेंनिंग हो तो हम एक नया आयाम ढूढ़ने की कोशिश करते हैं. वहीं जैसे आपने देखा था कि सिया के राम ने राम के 6 पैक एब्स थे तो हमारा नजरिया था कि राम एक आदर्श पुत्र, पति और राजा तो थे ही लेकिन इसके साथ ही वो एक क्षत्रिय भी थे. ऐसे में हमने राम को फिजिकली फिट दिखाने की कोशिश की.

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