नई दिल्ली : वित्त मंत्री ने कर्ज से डूबी कंपनियों के लिए प्रोमोटर खोजने में नाकाम बैंकों को सलाह दी है कि वो कर्ज में डूबी कंपनियों में खुद मिलकर हिस्सेदारी खरीद लें. सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक के दौरान जेटली ये बात कही. उन्होंने कहा कि स्टील और इंफ्रा सेक्टर में एनपीए की ज्यादा परेशानी है, हालांकि जल्द ही इन सेक्टरों में सुधार होने की संभावना जताई है. इस ख़ास बैठक में बैंक में एनपीए और साइबर सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. पहली तिमाही के नतीजों के बाद ये एफएम की बैंकों के साथ हुए पहली बैठक थी. इस बैठक में बैंकों ने साइबर सिक्योरिटी की दिक्कत पर प्रेजेंटेशन दिया. एफएम ने भी कहा कि साइबर सिक्योरिटी का मुद्दा गंभीर है. इस बैठक में बैंको की असेट क्वालिटी पर भी चर्चा की गई. वित्त मंत्री ने कहा कि प्रोविजनिंग के बाद बैंकों का मुनाफा 222 करोड़ रुपये का रहा है. स्टील, इंफ्रा सेक्टर से एनपीए की दिक्कत ज्यादा है. एमआईपी के बाद स्टील सेक्टर को फायदा हुआ है और कई स्टील कंपनियों ने ब्याज चुकाना शुरू कर दिया है. पीएसयू बैंकों को इंफ्रा सेक्टर के टर्नअराउंड की उम्मीद है. हाउसिंग लोन में तेजी आई है, लेकिन बैंकों का एनपीए अब भी चिंता का विषय है. आरबीआई से अगले महीने पॉजिटिव पॉलिसी की उम्मीद है. 1 अक्टूबर को होगी स्पेक्ट्रम की नीलामी, 7 ऑपरेटरों ने जमा की गारंटी