जेटली को अध्यक्ष बनाने के लिए बदला गया था बोर्ड का संविधान, ऐसी थी उनकी शख्सियत

नई दिल्लीः अरूण जेटली ने अपनी जिंदगी में काफी नाम कमाए। वह बतौर वकील, नेता और क्रिकेट प्रशासक हर जगह अपना लोहा मनवाया। श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में इंटर क्लास क्रिकेट खेलने वाले जेटली 1998 में दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के सदस्य और पैटर्न बने। अगले साल ही वह डीडीसीए के अध्यक्ष बने और दिसंबर 2013 तक इस पद पर बने रहे। वह कई सालों तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के उपाध्यक्ष रहने के साथ 2008 से 2015 तक बीसीसीआइ की कार्यकारी संचालन परिषद के सदस्य भी रहे।

फिरोजशाह कोटला स्टेडियम को नया स्वरूप देने वाले जेटली के अध्यक्ष रहते ही गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग, विराट कोहली, शिखर धवन, इशांत शर्मा और आकाश चोपड़ा जैसे दिल्ली के कई क्रिकेटर अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमके। बीसीसीआइ में जेटली के रुतबे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2012 में अध्यक्ष पद के संबंध में बीसीसीआइ के संविधान में संशोधन यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि भाजपा के शीर्ष नेता जेटली वर्ष 2014 में बोर्ड प्रमुख बन जाएं।

2014 में पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष और वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) के चेयरमैन शशांक मनोहर ने रहस्योद्घाटन किया था कि 2012 में बीसीसीआइ के संविधान में संशोधन किया गया। हालांकि इस कारण जेटली विवादों में भी आए थे। अरुण जेटली ने पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की शादी के लिए अपना सरकारी आवास दे दिया था। शादी में खेल, बॉलीवुड और राजनीति जगत की कई हस्तियों ने शिरकत की। इसलिए जेटली और सहवाग के संबंध काफी आत्मीय थे।

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