नई दिल्ली: बढ़ते तेल और रूपये में होती भारी गिरावट को देखते हुए दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक हुई है जिसमे नए आर्थिक फैसले लेने पर सहमति बनी है, जिसमें जीन्स समेत अन्य गैरज़रूरी आयतों पर पाबंदी लगाने पर बात हुई है. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा 'भारत कि विकास दर काफी तेज तो है ही, अन्य बड़े देशों की तुलना में मंहगाई पर भी काबू है'. लेकिन रूपये की गिरती हुई साख और चालू घाटे की चुनौती से उबरने के लिए सरकार कुछ बड़े फैसले लेने के बारे में सोच रही है. प्रधानमन्त्री की अध्यक्षता में अर्थव्यवस्था की सेहत को लेकर हुई बैठक में सरकार द्वारा गैर ज़रूरी आयतों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है. पीएम मोदी की मंजूरी के बिना नहीं भाग सकता था माल्या - राहुल गाँधी जेटली ने बताया कि यह बैठक रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और मंत्रालय के अधिकारियों से यथास्थिति की जानकारी लेने के बाद आयोजित की गई थी. आंकड़ों के आकलन के बाद लग-भग 8 से 10 अरब अरब डॉलर तक फायदा होने की सम्भावना है. वित्तमंत्री ने आगे कहा कि चालू खाते के घाटे को काम करने के लिए सरकार पांच बड़े क़दम उठाने पर जल्द ही फैसला लेने वाली है. भारत की आर्थिक विकास दर काफी तेज़ है, और अन्य बड़े देशों की तुलना में मंहगाई पर भी नियंत्रण है, लेकिन वित्तमंत्री ने यह नहीं बताया कि किन वस्तुओं पर और कहाँ की वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया जायेगा. भारतीय किसानों का दुश्मन बना अमेरिका, सब्सिडी कम करने के लिए बना रहा दबाव वित्तमत्री ने जानकारी दी कि, आज शनिवार को प्रधान मंत्री के साथ इन मुद्दों पर बातचीत होगी. बीते महीने में हुई तेल कि कीमतों में वृद्धि हुई, और घरेलू मुद्रा में 6 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज़ की गई है. अमरीकी सरकार के सुधार की वजह से डॉलर मज़बूत हुआ है, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत बढ़ने से तेल मंहगा हुआ है, भारत सरकार जिंसों के आयात पर मंत्रालय से मिलकर आयात बंद करने पर विचार कर रही है, जो विश्व व्यापार संगठन के नियमानुसार ही किया जाएगा. अन्य ख़बरें लम्बी बीमारी के बाद वित्त मंत्री के रूप में लौटे अरुण जेटली 10वीं-12वीं पास जल्द करें आवेदन, 1400 पदों पर निकली वैकेंसी पीएम मोदी लाइव : सिर्फ शौचालय बनाने भर से स्वच्छ नहीं होगा भारत