नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली शुक्रवार को नेशनल प्रेस डे पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने कहा की मौजूदा समय में तकनीक प्रेस सेंसरशिप की इजाजत नहीं देता है. इसलिए अगर देश में कभी आपातकाल लागू भी हुआ तो वह प्रेस की स्वतंत्रता के कारण फेल हो जाएगा. जेटली ने कहा, वाणी की स्वतंत्रता पर खतरे की कोई गंभीर शिकायत न होना इस बात का संकेत है कि प्रेस स्वतंत्र रूप से अपना कार्य कर रहा है, लेकिन मीडिया के सामने अपनी प्रतिष्ठा को बरक़रार रखने की चुनौती है. उत्तरप्रदेश: अब प्रयागराज से दिल्ली तक चलेंगे पानी के जहाज उन्होंने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक समाज में जनता की राय की बड़ी अहम् भूमिका होती है, इसलिए यह मीडिया की जिम्मेदारी है कि वह जनता के बीच अपने लिए सकारात्मक राय को बनाकर चले. अगर मीडिया की प्रतिष्ठा पर कलंक लगता है तो उसके लिए वह खुद ही जिम्मेदार होता है. जेटली ने कहा कि हर राजनीतिक विचारधारा को मीडिया में जगह पाने का अधिकार है क्योंकि अब मीडिया के कई मंच उपलब्ध हैं. यात्रियों की सुविधा को देखते हुए इन एक्सप्रेस ट्रेनों में लगेंगे अतिरिक्त कोच उन्होंने कहा कि इसी कारण आवाज को दबाए जाने की कोई गंभीर शिकायतें आजकल सामने नहीं आती हैं. ऐसी शिकायत न प्रिंट मीडिया की ओर से आई हैं और न ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरफ से दर्ज की गई हैं. इस मौके पर प्रेस परिषद के अध्यक्ष सीके प्रसाद ने संस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए आग्रह किया. कार्यक्रम में हिंदू समूह के चेयरमैन एन राम को पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित राजा राममोहन राय पुरस्कार प्रदान किया गया. खबरें और भी:- अब डेबिट कार्ड से नहीं होगा फ्रॉड, बैंक देंगे ये सुविधाएं एयर एशिया से साझेदारी तोड़ अब इसमें हिस्सेदारी खरीदेगा टाटा ग्रुप जेट एयरवेज को बचाने के लिए आगे आई मोदी सरकार, टाटा से मांगी मदद