नई दिल्ली: देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का आज दिल्ली के एम्स अस्पताल में दुखद निधन हो गया है। वे काफी समय से बीमार थे और आज शनिवार को 66 वर्षीय जेटली ने अंतिम सांस ली। अरुण जेटली को सांस लेने में तकलीफ होने की वजह से 9 अगस्त को दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था, तबसे उनकी तबियत लगातार बिगड़ती जा रही थी। अरुण जेटली अपने पूरे जीवन में एक निर्भीक राजनेता रहे, उन्होंने इंदिरा गांधी द्वारा लागु किए गए आपातकाल के दौरान भी मुखर विरोध किया था। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के इस सख्त कदम के खिलाफ विरोध करने वाले वे पहले सत्याग्रही बने और 26 जून 1975 में उन्हें जेल भेज दिया गया। 25-26 जून 1975 की मध्य रात्रि विपक्ष के कई बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिनमे जेटली का नाम सबसे आगे था। उन्होंने इंदिरा गांधी के इस कदम के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के प्रदर्शन का नेतृत्व किया और आपातकाल की प्रतिमा जलायी और जो कुछ वहां हो रहा था, उसके खिलाफ उन्होंने लोगों के सामने दमदार भाषण दिया। इस प्रदर्शन के दौरान ही उन्हें गिरफ्तार किया गया और दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया। इस तरह जेटली को 26 जून 1975 की सुबह एकमात्र विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का गौरव मिला और इस तरह वे आपातकाल के खिलाफ सत्याग्रही बन गए। उनके शब्दों में उन्होंने उस स्थिति के बारे में बताते हुए कहा है कि 'मुझे कभी नहींं लगा की में 22 वर्ष की आयु में उन घटनाओं में शामिल हो रहा था। इस घटना ने मेरे जीवन का भविष्य ही बदल दिया। ' संत रविदास मंदिर: एक और धर्मस्थल को लेकर शुरू हुई सियासत, मनोज तिवारी बोले- मंदिर वहीं बनाएंगे UAE से पीएम मोदी का 370 पर प्रहार, कहा- इस धारा के कारण बढ़ रहा था आतंकवाद गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- सरदार पटेल ने 630 रियासतों का विलय किया, लेकिन जम्मू कश्मीर रह गया था....