नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा है कि जनता अब केवल नारे नहीं सुनेगी क्योंकि वे सोशल मीडिया माध्यम के साथ फैसला लेने में सक्षम हो चुकी हैं। 'मन की बात : ए सोशल रिवोल्यूशन ऑन रेडियो' किताब का विमोचन करते हुए जेटली ने कहा है कि हाल के सालों में सामने आए संचार के नए मंच आगामी सालों में जनसंचार के प्रारूप को अकल्पनीय स्तर पर बदल कर रख देंगे। नाइजीरिया में बंदूकधारियों ने की फिर बरपाया कहर, हमले में 32 की मौत जेटली ने कहा है कि, "आज का भारत और 1960 व 1970 के दशक के भारत से बिलकुल भिन्न है। अब लोग मात्र नारे नहीं सुनेंगे। वे फैसला करने में पर्याप्त रूप से सक्षम हैं।" उन्होंने कहा है कि, "तय करने के माध्यम से लोग फैसला करते हैं और यह माध्यम (सोशल मीडिया मंच) ऐसे फैसले लेने के लिए बिलकुल निशुल्क भी होते हैं।" न्यूज मीडिया की वर्तमान भूमिका पर कटाक्ष करते हुए जेटली ने कहा है कि, "मीडिया संगठन अब मसलों और घटनाओं की रिपोर्टिग की पारंपरिक भूमिका के विरुद्ध 'एजेंडा सेटिंग' करने में परिवर्तित हो गए हैं।" हम भारत से नहीं डरते और अभिनन्दन को किसी दबाव में नहीं छोड़ा - पाक विदेश मंत्री जेटली ने कहा है कि, पहले के समय में रेडियो पर आने वाला समाचार, आज की तरह 'वन पॉइंट एजेंडा सेटिंग' खबर की तरह बिलकुल नहीं होता था। पहले मीडिया देश में घटित होने वाली घटना की खबर जारी करता था और एडिटोरियल पेज पर पत्रकार अपने विचार लिखते थे। किन्तु आजकल का मीडिया केवल देश का एजेंडा सेट करने का काम करता है। खबरें और भी:- कांग्रेस के साथ नहीं होगा गठबंधन, आप ने फाइनल किए उम्मीदवारों के नाम उमरिया में गरजे अमित शाह, कहा देश को सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना हमारा चुनावी मुद्दा सरहद के संघर्ष को महबूबा ने बताया ड्रामा, कहा अब कश्मीरी हो रहे पीड़ित