दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार में 21 आम आदमी पार्टी विधायकों की संसदीय सचिव के तौर पर हुई नियुक्ति लाभ के पद के दायरे में आती है या नहीं इस पर गुरुवार को चुनाव आयोग सुनवाई करेगा. सभी 21 'आप' विधायक अपने वकीलों के साथ आयोग के सामने अपना पक्ष रखकर ये बताएंगे कि आखिर क्यों उनका पद 'लाभ के पद' के दायरे में नहीं आता और क्यों उनकी विधायकी रद्द ना हो। चुनाव आयोग गुरुवार को दिल्ली सरकार और दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन की याचिका पर भी सुनवाई करेगा, जिसमें इन दोनों पक्षों ने खुद को इस मामले में पार्टी बनाने की मांग की है.