नई दिल्ली : DDCA मामले में केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली की मानहानि से जुड़े प्रकरण में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का केस लड़ने को लेकर लोकप्रिय वकील राम जेठमलानी को फीस दिए जाने के सवाल का मामला राजनीति से घिरता नज़र आ रहा है. अब इस मामले में खुद अरविंद केजरीवाल ने आगे आकर अपने विरोधियों पर हमला बोला है. उन्होंने दिल्ली के सीमापुरी इलाके में एमसीडी चुनाव में प्रचार के दौरान एक सभा में कहा कि, 'DDCA में अधिक भ्रष्टाचार था. वहां बिना रिश्वत के सिलेक्शन नही होता है. ऐसे में मैंने भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए जांच बैठा दी, जिसके बाद बीजेपी वालों ने मेरे ऊपर केस करवा दिया. मैंने राम जेठमलानी को अपना वकील बनाया तो कहने लगे राम जेठमलानी की फीस सरकार क्यों देगी, अब जनता बताए फीस सरकार नहीं देगी तो क्या मैं दूंगा? ये लोग भ्रष्टाचार की लड़ाई को कमजोर करना चाहते हैं.' वहीं इस मामले में फिल्म अभिनेता और भाजपा नेता परेश रावल ने ट्वीट कर कहा कि अभी यह हाल है. अगर कल को कोर्ट केजरीवाल पर फाइन लगाता है तो यह कौन भरेगा? गौरतलब है कि कल उपमुख्यमंत्री सिसौदिया ने कहा था कि इस प्रकरण का बिल सरकार देगी क्योंकि ये सीएम अरविंद केजरीवाल का निजी प्रकरण नहीं है. उपमुख्यमंत्री सिसौदिया ने कहा कि चुनाव में भ्रष्टाचार रोकना सरकार की जवाबदारी है. ऐसे में यदि सवाल उठाए जाते हें तो फिर यह उनका निजी केस नहीं है और इसकी फीस सरकार देगी. उन्होंने कहा कि ईवीएम घोटाला सामने आ रहा है तो इससे ध्यान हटाए जाने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि डीडीसीए मसला तो वर्षों से चल रहा है मगर अब फीस की बात कही जा रही है. उधर राम जेठमलानी ने मंगलवार को कहा था कि यदि जेटली मानहानि वाले मुद्दे पर केजरीवाल के पास मुझे पैसे देने के लिए पैसे नहीं है, तो वह उन्हें गरीब क्लाइंट समझकर फ्री में भी उनका केस लड़ लेंगे. इस बात पर लालू प्रसाद ने कहा था कि राम जेठमलानी के पास पैसों की कमी नहीं हैं, उन्होंने हमारा केस भी फ्री में ही लड़ा था. EVM स्कैम से ध्यान हटाने का तरीका है जेठमलानी का बिल क्लियरिंग मसला जेठमलानी ने हमारा केस भी फ्री में लड़ा था - लालू प्रसाद फीस नहीं मिली तो CM केजरीवाल को गरीब समझकर लड़ेंगे राम जेठमलानी केस हमें EVM दे दो, हम खुद देख लेंगे गड़बड़ी है या नही : केजरीवाल